कृषि और कृषि अर्थव्यवस्था भारत की ताकत : कृषि मंत्री बोले – देश तेजी से सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ रहा है

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश सकारात्मक बदलाव की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान परिवेश देश में बदला हुआ है और भारत के लिए दुनिया में भी बदला हुआ है। आज हमारे पास देश को हर दृष्टि से मजबूत बनाने की अनुकूलता है और इस दिशा में हम सबको मिलकर आगे बढऩे की आवश्यकता है। तोमर ने यह बात आज प्रगति मैदान, नई दिल्ली में इंडिया केम-2022 (12वां द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन व प्रदर्शनी, विजन-2030- भारत निर्माण में रसायनों व पेट्रोरसायनों की भूमिका) में कही।

केंद्रीय रसायन एवं उवर्रक मंत्रालय और फिक्की द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि कि देश के समस्त क्षेत्रों में समन्वय से हम सब निश्चित अवधि में अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। सरकार, किसान, इंडस्ट्री सभी का एक ही उद्देश्य है कि हमारे काम के सकारात्मक परिणाम आएं। यहीं भावना एक-दूसरे को और देश को आगे बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।

उन्होंने कहा कि कोविड की मार से दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अभी तक नहीं उबर पाई हैं लेकिन आज हमारा देश अच्छी अवस्था में खड़ा हैं। इसका कारण प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में समय पर उठाए गए जरूरी कदम हैं।

केंद्र सरकार ने एमएसएमई सहित अन्य इंडस्ट्री के लिए तथा खेती-किसानी व आम गरीब आदमी के लिए भी एक के बाद एक अनेक प्रयत्न किए। समय पर वैक्सीन बनाने, पीएलआई जैसी स्कीम सहित अर्थव्यवस्था को इंजेक्शन देने का काम किया गया। तोमर ने भारत में कृषि की प्रधानता के संदर्भ में कहा कि किसी भी व्यक्ति का और देश का मूल पिंड कभी नहीं बदलता है। हमें आगे बढऩा है तो मूल पिंड को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।

अपनी प्रधानता को पहनान कर उसे मजबूत बनाएंगे तो देश भी मजबूत बनेगा। कृषि, देश का व्यापक क्षेत्र है व कृषि अर्थव्यवस्था भारत की ताकत भी है। कृषि फायदे में हो, उत्पादन-उत्पादकता बढ़े, केमिकल-फर्टिलाइजर का समुचित उपयोग हो, इसके लिए जागरूकता आए, सॉइल हेल्थ के प्रति जागरूकता बढ़े, यह सब कृषि के विकास के लिए जरूरी है। एक समय था जब खेती के बारे में खाद-बीज की उपलब्धता या सिंचाई के साधन खड़े करने तक ही विचार किया जाता था। बीज वाला बीज की सोचता था,

 फर्टिलाइजर वाला अपना फायदा देखता था, हमेशा एकांकी विचार किया जाता था, समुच्चय विचार का अभाव था, लेकिन अब किसी भी सेक्टर के बारे में जब विचार हो तो समग्र रूप से विचार करने की जरूरत है। जब ऐसा होता है तो इसका फायदा सभी को मिलता है। किसानों को फायदा मिलेगा और देश को भी तथा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस दिशा में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार गत आठ वर्षों से काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री  तोमर ने कहा कि पेस्टीसाइड को लेकर पंजीकरण संबंधी जो समस्याएं थी, विचार-विमर्श और समीक्षा के बाद उसमें सुधार किए गए। सरकार लगातार कोशिश कर रही हैं कि इस प्रकार की जितनी भी बाधाएं-समस्याएं हैं, वे दूर हों। ईज ऑफ डूइंग पर प्रधानमंत्री श्री मोदी का कितना जोर है, 

यह हम सब जानते हैं। इंडस्ट्री की जितनी बाधाएं हैं, इस सम्मेलन के विचार-विमर्श में जो निष्कर्ष आएंगे, उनके निराकरण के लिए हम प्रयास करेंगे।  तोमर ने कहा कि कोई एक क्षेत्र नहीं, देश के काम के जितने भी क्षेत्र हैं, 

वह एक साथ कदम से कदम व कंधे से कंधा मिलाएं, एक-दूसरे से सहकार करते हुए आगे बढ़े ताकि आने वाले समय में जब हिन्दुस्तान की आजादी के 100 वर्ष हो तो हम विकसित हिन्दुस्तान के नागरिक होने का गौरव प्राप्त करें। एक सशक्त व सक्षम हिन्दुस्तान आने वाली पीढ़ी को सौंप कर जाएं। हम सबकी जो भूमिका है, उसका निर्वहन करेंगे तो लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे।

सम्मेलन में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री  भगवंत खूबा व सचिव  अरूण बरोका, कृषि सचिव मनोज अहूजा सहित फिक्की के पदाधिकारी तथा विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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