Datia news : दतिया। नाबालिग के मामा ने ही कुछ लोगों के साथ मिलकर उसके साथ दुष्कर्म कर दिया। न्यायालय ने नाबालिग को बहला फुसलाकर अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले उक्त आरोपित को दोहरा आजीवन कारावास एवं 58000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट दतिया रमाजयंत मित्तल ने आरोपित को सजा सुनाई। मामले की पैरवी संचिता अवस्थी विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट ने की।
मीडिया प्रभारी एवं पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारी संचिता अवस्थी ने बताया कि आरोपित गुल्ली उर्फ बल्ली पुत्र रतन कुशवाहा निवासी उनाव, पीड़िता का मामा लगता था। 23 अक्टूबर 2013 को फरियादी अपने परिवार सहित खाना खाकर सो गया था, उसकी नाबालिग बेटी भी सो रही थी। सुबह करीब छह बजे देखा तो बेटी गायब थी। मोहल्ला व आसपास पता किया तो महेश गुप्ता ने बताया कि उसने पावर हाउस के पास उसे आरोपित के साथ जाते देखा है।
आरोपित उसकी बेटी के साथ पूर्व में बुरी नियत से हरकतें कर चुका था, लेकिन उसने बदनामी के कारण किसी को नहीं बताया। वह नाबालिग को बहला-फुसलाकर शादी करने की नियत से अपने साथ भगा ले गया। फरियादी द्वारा उनाव थाने में रिपोर्ट कराई गई। जिस पर अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया गया।प्रकरण विवेचना के दौरान पुलिस ने नाबालिग को दस्तयाब कर लिया। पूछतांछ में उसने बताया कि आरोपित अर्चना उसे मिली और घूमकर आने की कहकर साथ ले गई।
वह अर्चना के साथ सरसई चौराहे पर गई। जहां पर आरोपित महेश, गुल्ली, संजू एवं नरेंद्र उसे मिले। सभी आरोपित उसकी शादी महेश से करवाने पर जोर देने लगा। जब उसने मना किया तो जान से मारने की धमकी देकर झोपड़ी में ले गए। जहां उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। प्रकरण में जांच के बाद अभियोग पत्र
न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन साक्ष्य पर आरोपित गुल्ली उर्फ बल्ली को दोषी मानते हुए न्यायालय ने दंडादेश पारित किया। प्रकरण के शेष आरोपितों के विरूद्ध पूर्व में निर्णय पारित किया जा चुका है। जिसमें आजीवन कारावास एवं आरोपित अर्चना को 20 सश्रम कारावास से दंडित किया गया था।
