अहमदाबाद : गुजरात के पोरबंदर स्थित एयर एन्क्लेव में 835 स्क्वाड्रन (सीजी) को भारतीय तटरक्षक बल की सेवा में शामिल किया गया। यह एक स्वदेशी उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) एमके III स्क्वाड्रन है। इस अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता तटरक्षक बल के महानिदेशक (डीजी) श्री वी.एस. पठानिया ने की।
वहीं, इस कार्यक्रम में पोरबंदर और गुजरात क्षेत्र के विभिन्न गणमान्य सैन्य और नागरिक व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। इस स्क्वाड्रन को सेवा में शामिल करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच के अनुरूप खोज व बचाव (एसएआर) और समुद्री निगरानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक शानदार छलांग है।
इस स्वदेशी एएलएच एमके III हेलीकॉप्टर का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने किया है। इनमें उन्नत रडार सहित इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सेंसर, शक्ति इंजन, पूरी तरह से ग्लास कॉकपिट, उच्च-तीव्रता वाली सर्चलाइट, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित पहचान प्रणाली के साथ-साथ एसएआर होमर जैसे अत्याधुनिक उपकरण हैं।
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ये विशेषताएं तटरक्षक बल को समुद्री की निगरानी करने के साथ-साथ दिन और रात, के दौरान पोतों का परिचालन करते हुए विस्तारित सीमाओं पर एसएआर करने में सक्षम बनाती हैं। इसके अलावा इस विमान (स्क्वाड्रन) के पास भारी मशीन गन के साथ एक आक्रामक मंच से गंभीर मरीजों के लिए एक गहन चिकित्सा देखभाल इकाई (आईसीयू) के रूप में अपनी भूमिका को बदलने की क्षमता है।
अब तक 13 एएलएच एमके-III विमान चरणबद्ध तरीके से भारतीय तटरक्षक बल में शामिल किए जा चुके हैं। इनमें से चार विमान पोरबंदर में तैनात हैं। सेवा में शामिल होने के बाद से स्क्वाड्रन ने 1,200 घंटे से अधिक अवधि तक उड़ान भरी है। साथ ही, दीव तट पर पहली बार रात में एसएआर सहित कई परिचालन मिशनों का संचालन किया है।
कमांडेंट सुनील दत्त के पास इस 835 स्क्वाड्रन (सीजी) की कमान है। इसे सेवा में शामिल करने से गुजरात क्षेत्र में भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही, यह देश की समुद्री सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा।