Bhopal News : भोपाल । भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए आशान्वित है। भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता को सिद्ध किया है, जिसके परिणाम स्वरूप सम्पूर्ण विश्व भारत पर विश्वास प्रकट कर रहा है। प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दौरान भोपाल मेंकही। पीएम ने कहाकि मप्र जनसंख्या की दृष्टि से देश का पांचवां बड़ा राज्य है। कृषि और खनन में अग्रणी है, इसके साथ ही राज्य को मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। देश में हो रहे अधोसंरचना विकास का लाभ मप्र को मिला है। दिल्ली, मुम्बई नेशनल हाईवे का बड़ा भाग मप्र से निकलता है। प्रदेश में पांच लाख किलोमीटर का रोड नेटवर्क है और लोजिस्टिक्स की यहां अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। मप्र में हर वो क्षमता है, जो इसे देश के शीर्ष पांच राज्यों में ला सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव को वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने के लिए बधाई भी दी।
प्रधानमंत्री ने रिमोर्ट का बटन दबाकर प्रदेश में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए लागू 18 नवीन नीतियों का शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत मप्र उद्योग नीति 2025, एमएसएमई नीति, एक्सपोर्ट प्रमोशन नीति, लोजिस्टिक्स नीति, स्टार्टअप नीति, मप्र एनीमेशन, वीआर, गैमिंग कामिक्स और विस्तारित रियलिटि नीति, जीसीसी नीति, सेमी कंडक्टर नीति, ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति, फिल्म पर्यटन नीति, पर्यटन नीति, पम्पड हाइड्रो स्टोरेज नीति, सिटी गैस डिस्टिब्यूशन नीति, विमानन नीति, नवकरणीय ऊर्जा नीति, स्वास्थ निवेश प्रोत्साहन नीति और एकीकृत टाउनशिप नीति शामिल हैं। देश का कॉटन कैपिटल है मध्यप्रदेश : प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में आए उद्योगपतियों को मप्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहाकि यहां 300 से अधिक इंडस्ट्री जोन हैं और निवेश की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में 31 हजार मेगावॉट सरपल्स एनर्जी है। जिसमें 30 फीसदी रिन्यूएबल एनर्जी है। कुछ दिन पहले ही ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना का शुभारंभ हुआ है।

एनर्जी सेक्टर में आए बूम का मध्यप्रदेश को लाभ मिला है। हाल ही में 45 हजार करोड़ रुपए लागत की केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी गई। जिससे 10 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई क्षमता बढ़ेगी। परिणामस्वरूप प्रदेश में कपड़ा उद्योग और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर बढ़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने मप्र को देश का कॉटन कैपिटल बताते हुए कहाकि कपड़ा उद्योग और काटन सप्लाय में मप्र, देश का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां का मलबरी सिल्क और चंदेरी साड़ियां भी बहुत पसंद की जाती हैं। देश में बन रहे सात बड़े टेक्सटाइल पार्क में से एक मध्यप्रदेश में है। देश के टूरिज्म सेक्टर में मध्यप्रदेश अजब भी है और गजब भी है। नर्मदा के किनारे पर्यटन का पर्याप्त विकास हुआ है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की भी अपार संभावनाएं हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में भी तेजी से बढ़ रहा है आगे : प्रधामनंत्री ने कहाकि दो दशक पहले लोग मप्र में निवेश करने से डरते थे। जिस प्रदेश में बसें ठीक से नहीं चल पाती थीं, वह राज्य अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के मामले में तेज गति से आगे बढ़ रहा है। जनवरी 2025 तक प्रदेश में दो लाख इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं, जो दर्शाता है कि नए क्षेत्रों में भी मध्यप्रदेश निवेश आकर्षित कर रहा है। लीथियम बैटरी और न्यूक्लीयर एनर्जी में भी निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मप्र में शत-प्रतिशत रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण किया जा चुका है। रानी कमलापति स्टेशन के चित्र सभी का मन मोह रहे हैं। इसी तर्ज पर प्रदेश के 80 रेलवे स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है। विमानन सेवा के लिए ग्वालियर और जबलपुर के एयरपोर्ट को विस्तार दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि केन्द्र और राज्य सरकार प्रदेश की विकास दर को नई ऊंचाइयां देने के लिए निरंतर हरसंभव प्रयास कर रही है। मप्र में निवेश का यही समय है और सही समय है। मोदी ने कहाकि विश्व के सामान्यजन, विशेषज्ञ और संस्थाएं भारत की ओर आशा से देख रही हैं। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में ऐसे ही गतिशील अर्थव्यवस्था बना रहेगा। इसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था ने भारत को सौर ऊर्जा का श्रेष्ठ केंद्र कहा है। एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक सप्लाय चैन के रूप में उभर रहा है। विश्व में यह मान्यता है कि भारत जो कहता है – वह करके दिखाता है।
महाकाल महालोक के दर्शन प्रदान करने की दिया न्योता : प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में पधारे डेलीगेट्स से कहा कि वे मध्यप्रदेश आएं है तो उज्जैन के महाकाल महालोक के दर्शन कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें, यह उन्हें आलोकिक अनुभूति प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री का भोपाल में पहली बार हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पधारने पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल की उपस्थिति में, मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने अंग वस्त्रम भेंट कर अभिवादन किया। आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री डा.यादव ने स्मृति चिन्ह के रूप में भोपाल की प्रसिद्ध जरी-जरदोजी कला से निर्मित महाकाल मंदिर का चित्र भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया।

विकसित भारत के लिए प्रदेशवासी प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सतत विकास और औद्योगिक निवेश की दिशा में नए कदम बढ़ाऐ जा रहे है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की थीम अनंत संभावनाएं हैं, जो प्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। अनंत संभावनाएं केवल एक विचार नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक क्षेत्र में अवसरों की व्यापकता को दर्शाने वाला दृष्टिकोण है। प्रधानमंत्री ने “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास” का मंत्र दिया। जिसमें यह संदेश समाहित है कि जब संभावनाओं के अनंत आकाश में हम साथ मिलकर आशा की ज्योत जलाते हैं, तो एक नहीं, बल्कि सभी के आंगन रोशन होते हैं। यही हमारी सनातन संस्कृति है। भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प समस्त भारतवासियों ने लिया है, हमारा लक्ष्य देश को 35 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनाना है। विकसित भारत के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विकसित मध्यप्रदेश के समस्त प्रदेशवासी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अडाणी समूह प्रदेश में करेगा एक लाख 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश : प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में विभिन्न उद्योगपतियों और औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश में औद्योगिक इकाइयों के संचालन और गतिविधियों के विस्तार के संबंध में अपने अनुभव साझा किए। इसके अंतर्गत अडाणी ग्रुप के चेयरमेन गौतम अडाणी ने कहाकि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आना उनके लिए सौभाग्य का विषय है। अडाणी ग्रुप मध्यप्रदेश में 50 हजार करोड़ रूपए का निवेश कर चुका है। भविष्य में उनके समूह की एक लाख 10 हजार करोड़ रुपये की योजना है। यह निवेश सीमेंट, खनन और ऊर्जा क्षेत्र में होगा, इससे वर्ष 2030 तक एक लाख 20 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के साथ मल्टी स्मार्ट सिटी और एयरपोर्ट सिटी के निर्माण के लिए भी उनका समूह चर्चा कर रहा है।
प्रदेश में जारी विकास से यहां निवेश करना बुद्धिमानी : प्रदेश में निवेश के संबंध में अवाडा ग्रुप के चेयरमेन विनीत मित्तल ने कहाकि उनके समूह की प्रदेश में 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से सोलर-विंड पावर प्रोजेक्ट स्थापना की योजना है। आईटीसी ग्रुप के संजीव पुरी ने मध्यप्रदेश को कृषि क्षेत्र का पावर हाऊस बताया। गोदरेज समूह के नादिर गोदरेज ने कहा कि प्रदेश में जारी विकास प्रक्रिया से यहां निवेश करना बुद्धिमानी है। सागर ग्रुप के सुधीर अग्रवाल और शक्ति पम्पस के दिनेश पाटीदार ने भी प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों के संचालन संबंधी अपने अनुभव साझा किए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विदेशी निवेशक, वैश्विक औद्योगिक संगठन, राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत औद्योगिक घरानें, उद्योग संघों के प्रतिनिधि, उद्यमी तथा व्यवसायी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।