कर्ज लौटाने के लिए कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण को तीन साल की मोहलत ,400 करोड़ से ज्यादा का है ऋृण

नई दिल्ली  : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्‍पन्‍न वित्‍तीय संकट पर काबू पाने के लिए 446.83 करोड़ रुपये की भारत सरकार की बकाया राशि की अदायगी के लिए कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण (सीओपीए) को तीन वर्ष (2020-21, 2021-22 और 2022-23) की मोहलत देने को मंजूरी दे दी है।

राशि का भुगतान 10 किस्तों में किया जाना था जो 2018-19 से शुरू हो चुकी थी। हालांकि, कोचीन बंदरगाह प्राधिकरण केवल 2018-19 और 2019-20 की किस्‍तों का भुगतान कर सका था। 2020-21 से, कोविड-19 महामारी के कारण लेन-देन बुरी तरह प्रभावित हुआ था जिसके कारण नकदी आने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। परिणामस्वरूप, कोचीन बंदरगाह 2020-21 और 2021-22 की किस्‍तों का भुगतान नहीं कर सका।

कोचीन बंदरगाह को नवंबर 2021 से प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण कानून, 2021 के तहत लाया गया है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 24.08.2016 को कोचीन बंदरगाह द्वारा 1936-37 से 1994-95 के दौरान विभिन्न ढांचागत विकासात्मक गतिविधियों लिए गए भारत सरकार के ऋण पर दंडस्‍वरूप ब्याज में छूट के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

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