दतिया । सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल पीतांबरा पीठ पर गुप्त नवरात्रि के दौरान 12 फरवरी से 21 फरवरी तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान होंगे। सारे आयोजन कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए सम्पन्न कराए जाएंगे। इस दौरान पीठ पर दुर्गा सप्तशती का शत चंडी पाठ एवं बसंत पंचमी पर शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें अनुष्ठान के लिए बाहर से श्रध्दालुजन पीतांबरा पीठ पहुंचेंगे। दिल्ली की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका डा.सरिता पाठक संगीत के इस विशेष आयोजन में भाग लेने पीतांबरा पीठ पहुंचेगी। बता दें कि पीतांबरा पीठ को तंत्र आराधना के लिए जाना जाता है और गुप्त नवरात्रि में विशेष पूजा अनुष्ठान के लिए यह स्थान काफी प्रसिद्ध है। यहां देश की कई जानी मानी हस्तियां जुड़ी है।
पीतांबरा पीठ मंदिर के प्रशासक महेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि पीतांबरा मंदिर पर गुप्त नवरात्रि के दौरान धार्मिक एवं शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम आयोजन किए जाएंगे। गुप्त नवरात्रि में 12 से 21 फरवरी तक यहां पर मां पीतांबरा के दरबार में पंडित, पुजारी और दीक्षार्थी दुर्गा सप्तशती का शतचंडी पाठ लगातार करेंगे। इसके अलावा 16 फरवरी को बसंत पंचमी के अवसर पर मां पीतांबरा पीठ मंदिर में दिल्ली की सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका डा.सरिता पाठक भाग लेकर अपनी प्रस्तुति देंगी। उनकी प्रस्तुति से पूर्व पीतांबरा पीठ संगीत महाविद्यालय के विद्यार्थी भी अपनी प्रस्तुति देंगे। इस दौरान दतिया शहर के लोगों के साथ ही बाहर के श्रद्धालु भी यहां पहुंचेंगे।
आयोजन को लेकर पीठ पर की गई व्यवस्थाएं
पीतांबरा पीठ गुप्त नवरात्रि के दौरान तंत्र साधना का मुख्य केंद्र रहेगा। इसके लिए पीतांबरा पीठ पर अनेक व्यवस्थाएं की जा रही है। इनमें बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों और स्थानीय साधकों के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई हैं। साधक मंदिर परिसर में बैठकर साधना कर सकेंगे, जबकि दर्शनार्थियों के लिए चलित दर्शन व्यवस्था की गई है। पीतांबरा पीठ के स्थानीय पंडित एवं पुजारी भी विशेष पूजा पाठ का अनुष्ठान करेंगे। कोरोना काल के कारण गुप्त नवरात्रि में हवन अथवा यज्ञ नहीं हो पाएंगे। इसके अलावा पीतांबरा मंदिर परिक्षेत्र में साधकों व दीक्षार्थियों को तंत्र-मंत्र साधना करने की सुविधा दी जा रही है।
इस बार माघी गुप्त नवरात्रि दस दिनों की होगी
माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी से 21 फरवरी रविवार तक गुप्त नवरात्र मनाई जाएगी। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 8.34 से 9.59 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.13 से 12.58 बजे तक की जा सकती है। इस बार माघ नवरात्रि दस दिनों की होगी। क्योंकि 17 व 18 फरवरी को दोनों दिन षष्ठी तिथि रहेगी। गुप्त नवरात्रियों में विशेष जप, तप का विधान है।
ज्योतिषाचार्य पं.रमेश शर्मा ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस नवरात्र में व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है। इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है। साल में चार नवरात्र को खास माना गया है। लेकिन साल की दो नवरात्रि को ही अधिकांश लोग जानते हैं, जो चैत्र और शारदीय नवरात्र कहलाते है।
वहीं इन दो नवरात्र के अलावा भी नवरात्र होते है, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। माघ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्र को माघी नवरात्र भी कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा का विशेष महत्व है। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर, भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। इस दौरान मां की आराधना गुप्त रुप से की जाती है।