कानपुर । सरसों के तेल में अब तक फैक्ट्री वाले ब्लेंडिंग के नाम पर दूसरे खाद्य तेल भी मिला लेते थे। बोतल में जो तेल दिखता है, उसमें मात्र कुछ फीसद ही सरसों का तेल होता है। अब सरसों के तेल में किसी दूसरे तेल की ब्लेंडिंग (मिलावट) नहीं की जा सकेगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) का आदेश मंगलवार से अमल में आ जाएगा। देश में सरसों के तेल में ब्लेंडिंग के नाम पर दूसरे खाद्य तेल थोड़ी मात्रा में मिलाने की अनुमति थी, लेकिन इस अनुमति की आड़ में तेल कारोबारी दूसरे तेल बहुत अधिक मिला देते थे। इसे देखते हुए एफएसएसएआइ ने आठ मार्च, 2021 को अधिसूचना जारी कर दी।
इससे पहले पिछले वर्ष इस नियम के संबंध में जनता से भी फीडबैक लिया गया था। आखिरकार अब वह दिन आ ही गया जब तेल के बोतल, पाउच या टिन पर सरसों का तेल लिखा होगा तो कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सौ फीसद सरसों का तेल ही हो। इसका वास्तविक लाभ उपभोक्ता को मिलेगा क्योंकि उन्हें धोखा नहीं दिया जा सकेगा। इससे तेल के भाव भी बढ़ेंगे। अभी तक कारोबारी सरसों के तेल में दूसरे तेल मिलाकर सरसों के तेल का भाव कम कर लेते थे, लेकिन अब इस पर सजा हो सकती है।
सोमवार को थोक बाजार में सरसों का तेल 156 रुपये किलो था जबकि फुटकर में यह 165 से 175 के बीच था। थोक बाजार में सोमवार को दो रुपये बढ़ गए थे। वहीं मांग बढ़ने से लाही भी 68 से बढ़कर 69 रुपये किलो हो गई थी। इस मामले में कारोबारियों का कहना है कि इन निर्देश की पहले से जानकारी थी, इसलिए कारोबारियों ने ब्लेंडिंग पहले से बंद कर दी थी। जिससे कहीं स्टाक पड़ा न रह जाए। ऐसे में उसे बेचना मुश्किल होता।
अब आठ जून से देश में सरसों का तेल पूरी तरह शुद्ध ही बिकेगा। अगर बोतल या टिन के ऊपर सरसों का तेल लिखा है तो उसे 100 फीसद शुद्ध रखना होगा। उसमें किसी भी तरह की ब्लेंडिंग नहीं हो सकेगी। मिलावट मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। इन निर्देशों के बाद सरसों के तेल मंे मिलावट होने की संभावना कम ही रहेगी। कार्रवाई के डर से मिलावटखोर सरसों के तेल में गडबड़ी करने से डरेंगे। लेकिन इन निर्देशों का पालन कराने वालों की भी जिम्मेदारी होगी कि वह इस पर निगरानी बनाए रखें।