कुदरत का कहर, उत्तराखंड के चमोली में फटा ग्लेशियर, सैलाब में 150 लोगों के बहने की आशंका

चमोली । उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में रविवार को कुदरत का कहर ग्लेशियर फटने के रुप में देखने को मिला। इस बड़े हादसे ने पूरे देश को दहला दिया। अचानक आई इस आपदा में कई लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। चमोली जिले के तपोवन इलाके में रविवार को ग्लेशियर फटने (Glacier burst) से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। दो सुरंगों में फंसे 45 लोगों में से 16 को रेस्क्यू कर निकाल लिया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह अचानक जोर की आवाज के साथ धौली गंगा का जलस्तर बढ़ता दिखा। पानी तूफान के आकार में आगे बढ़ रहा था और वह अपने रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले गया।

देखिए इस वीडियो में कैसे टूटा ग्लेशियर और चारों तरफ बिखर गया

इस हादसे में एनटीपीसी की एक साइट भी प्रभावित हुई है। तपोवन एनटीपीसी (NTPC) की साइट में तीन लोगों के शव बरामद भ्ी हुए हैं। प्रोजेक्ट साइट पर काम कर रहे श्रमिकों के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा से प्रभावित दो कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहे मजदूरों की जान बचाने के लिए पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल और आईटीबीपी की टीमें काम पर लगा दी है। अब तक हादसा स्थल से शव भी बरामद हुए हैं।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश के मुताबिक एनडीआरफ की टीम मार्च कर चुकी है जबकि आईटीबीपी और SDRF की टीम पहुंच कर बचाव कार्य में जुट गई है। इस तबाही में हताहत होने वाले लोगों की संख्या में बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 100 से 150 लोगों के बहने की आशंका है।

ग्लेशियर के टूटने के बाद अलकनंदा नदी और धौलीगंगा नदी में हिमस्खलन और बाढ़ के चलते आसपास बसे लोगों को हटाया जा रहा है। कई घरों के बहने की आशंका भी जताई जा रही है। साथ ही जोशीमठ के करीब बांध टूटने की भी खबर है। आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य के लिए पहुंच गए हैं। एनडीआरएफ की टीमें गाजियाबाद से चमोली के लिए भेजी गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है।

चमोली जिले के तपोवन इलाके में रैणी गांव में बिजली परियोजना पर हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नंदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया है। सुरक्षा के मद्देनजर निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊपरी इलाकों में भेजा जा रहा है। ग्लेशियर फटने से हुई तबाही को देखते हुए श्रीनगर, ऋषिकेश और हरिद्वार समेत अन्य जगहों पर भी अलर्ट जारी किया गया है।

राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि चमोली के रैणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की पहुंचने की संभावना है। नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है ।

उन्होंने कहाकि वे स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हैं। मुख्यमंत्री ने सभी से विनती करते हुए कहाकि कृपया कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर पैनिक िस्थति निर्मित ना करें। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं। इस समय सभी धैर्य बनाए रखें।

इधर चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। ऋषिगंगा में आई बाढ़ के पानी के तेज बहाव को देखते हुए रैणी और तपोवन कस्बों में लोग दहशत में आ गए हैं।

गृहमंत्री ने इस घटना को लेकर एक वीडियो भी साझा किया है। देखें वह वीडियो। इसके साथ ही देश कई बड़ी हस्तियों ने इस मामले में संवेदना जाहिर करते हुए ट्वीट किए हैं।

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