नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज फीफा अंडर-17 विश्व कप से पहले फीफा महासचिव फातमा समौरा से मुलाकात की। केंद्रीय खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक; अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे; एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन और शिक्षा मंत्रालय, खेल एवं युवा कार्यक्रम मंत्रालय, एनवीएस, सीबीएसई और साई के अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
फीफा और यूनेस्को के फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम को देश भर के स्कूलों में ले जाने और इसमें सहयोग व समन्वय करने पर चर्चाएं हुईं।
इस बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधान ने कहा कि फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम एनईपी 2020 की भावना को बढ़ावा देता है और खेल-एकीकृत सीखने की अवधारणा को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने आगे कहा कि यह भारत में खेल की संस्कृति को बढ़ावा देगा और हमारे छात्रों के कौशल को विकसित करने में मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में विकसित करने के साथ-साथ एक फिट इंडिया सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप, खेल को बढ़ावा देने और विशेष रूप से स्कूली बच्चों के बीच फुटबॉल को एक जन आंदोलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्कूलों के बड़े नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए, समौरा और माननीय मंत्री ने फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम को भारत के सभी 700 से अधिक जिलों में ले जाने पर सहमति व्यक्त की। प्रधान ने बताया कि इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से नवोदय विद्यालय समिति नोडल एजेंसी होगी।
इस अवसर पर बोलते हुए, निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि यह पहल फुटबॉल खेल के भविष्य के लिए एक परिवर्तनकारी कदम साबित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण इस पहल के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।