पर्यावरण के लिए जीवन शैली : भारतीय नौसेना ने मिशन लाइफ गतिविधियों का आयोजन किया

नई दिल्ली  : पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए नौसेना की सभी इकाइयों और प्रतिष्ठानों में विश्व पर्यावरण दिवस 2023 के उपलक्ष्य में मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) गतिविधियों का आयोजन किया गया है। यह दिवस प्रकृति के साथ लगातार सद्भाव से रहने पर ध्यान केंद्रित करता है। भारतीय नौसेना ने संगठनात्मक और व्यक्तिगत दोनों स्तरों पर स्वच्छ और हरित प्रथाओं को अपनाने के लिए प्राथमिकता दी है। इस अवसर पर किए गए कार्यों में ऑक्युपेंसी सेंसरों और स्वचालित नियंत्रकों के उपयोग के माध्यम से ऊर्जा की बचत, ई-वाहनों पर जोर देते हुए प्रदूषण को कम करना,

नौसेना प्रतिष्ठानों में वाहनों का उपयोग न करने वाले दिवस का आयोजन, सार्वजनिक साइकिल साझा करने की प्रणाली, जल संरक्षण उपायों को बढ़ाना, अनुपयोगी घरेलू वस्तुओं और किताबों आदि का मेरी लाइफ केन्द्रों के माध्यम से संग्रह और वितरण शामिल है। सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइटिंग, मैंग्रोव वनों की बहाली और वृक्षारोपण अभियानों जैसे उपायों के माध्यम से कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाना भी इसमें शामिल है। वर्ष 2022-23 में कुल 5,24,820 पेड़-पौधे लगाए गए हैं जिनसे एक वर्ष में लगभग 11,500 टन कार्बन अवशोषित हुई।

‘स्वच्छ भारत अभियान’ के विज़न को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना ने पुनीत सागर अभियान (पीएसए) कार्यक्रम के तहत एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। यह अभियान समुद्र तटों/किनारों पर जमा प्लास्टिक और अन्य कचरे को साफ करने और उन्हें स्वच्छ, शांत और सुंदर बनाये रखने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है।

स्थानीय नौसैनिक इकाइयां और प्रतिष्ठान नदियों/झीलों सहित तटीय सफाई के लिए हर महीने एक दिन समर्पित करते हैं और अपशिष्ट सामग्री के निपटान/साईक्लिंग के लिए स्थानीय नगरपालिका निकायों, गैर सरकारी संगठनों, एनएचएआई और एनसीसी के क्षेत्रीय निदेशकों के साथ संपर्क करते हैं। पिछले वर्ष, 58 समुद्र तटों और 2100 किमी के तटीय लाइन से लगभग 78,700 किलोग्राम प्लास्टिक कचरा साफ किया गया है।

सामुदायिक भागीदारी ने इन पहल को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नौसेना में हरित उपायों की सफल स्थापना, स्वयं जागरूक नौसेना समुदाय, पर्यावरण उपचार और ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूक के कारण संभव हो पाई है। पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए, विभिन्न सामूहिक भागीदारी आयोजन जैसे कि लाइफ शपथ समारोह, सामूहिक श्रमदान, तटीय सफाई अभियान, साइक्लोथॉन/वॉकथॉन का नियमित रूप से आयोजन किया जाता है।

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