अंग दान करने के लिए प्रोत्साहन की जरुरत : ‘स्वस्थ सबल भारत’ सम्मेलन में जनभागीदारी से मानवता के इस काम को बढ़ाने पर दिया गया जोर

New Delhi News : नईदिल्ली । ‘स्वस्थ सबल भारत’ सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ.मनसुख मंडाविया ने सिक्किम के राज्यपाल गंगाप्रसाद की उपस्थिति में किया। कॉन्क्लेव का उद्देश्य भारत में शरीर-अंग-नेत्र दान की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करना और भविष्य में आने वाली चुनौतियों का समाधान खोजना था।

कॉन्क्लेव के दर्शकों को अपने संबोधन में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के पीछे नेक काम की सराहना करते हुए शुरुआत की। उन्होंने कहा कि “यह हमारी सांस्कृतिक परंपरा में है कि हम न केवल अपने बल्कि दूसरों के लाभ के बारे में सोचते हैं। अंग दान का मुद्दा इस तरह की दृष्टि से जटिल रूप से जुड़ा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने लोगों को मानवता के लिए अपने अंग दान करने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए “जनभागीदारी” या लोगों के आंदोलन पर जोर दिया। उन्होंने कहा सरकार या गैर सरकारी संगठनों के लिए अकेले लोगों को अंगदान के लिए राजी करना संभव नहीं है। अभियान को सफल बनाने के लिए जन आंदोलन होना चाहिए।

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डॉ मंडाविया ने सभी को शरीर-अंग-नेत्रदान पर राष्ट्रीय जन-संचालित आंदोलन की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहाकि मंत्रालय अपने पूरे प्रयास में अंगदान के लक्ष्य का समर्थन करने के लिए पूरे दिल से प्रतिबद्ध है।

आलोक कुमार, संरक्षक, दधीचि देह दान समिति (डीडीडीएस), हर्ष मल्होत्रा, अध्यक्ष डीडीडीएस, यशवंत देशमुख, संस्थापक निदेशक, सीवोटर फाउंडेशन ऑन ऑर्गन बॉडी डोनेशन इन इंडिया, डॉ.सहजानंद, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और डॉ रजनीश सहाय, राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन बैठक में उपस्थित थे।

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