चेन्नई. तमिलनाडु सरकार ने इस साल राष्ट्रीय एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम (NEET) पास करने वाले सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। दरअसल, राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स को 7.5 प्रतिशत आरक्षण देने के बिल पर अपनी सहमति दी है। इस बारे में ऐलान करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि, सरकारी स्कूलों के उन स्टूडेंट्स को मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, जिन्होंने इस साल NEET क्वालिफाई कर लिया है।
तमिलनाडु: राज्य सरकार ने क्लियर किए गए स्कूलों के छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में 7.5% आरक्षण देने का आदेश पारित किया है #NEET।
– एएनआई (@ANI) 29 अक्टूबर, 2020
मौजूदा सत्र से लागू नया नियम होगा
रिजर्वेशन के सरकारी आदेश के बाद अब मौजूदा एकेडमिक ईयर 2020-21 से एमबीबीएस, बीडीएस, बीएसएमएस, बीएएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस में एडमिशन के लिए सरकारी स्कूल के सफल कैंडिडेट्स को 7.5 प्रतिशत आरक्षण आरक्षित रखा जाएगा। यह निर्णय सत्तारूढ़ AIADMK के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा एक कार्यकारी आदेश जारी किए जाने के एक दिन बाद आया है। इसमें राज्यपाल ने एडमिशन प्रक्रिया से पहले बिल के प्रावधानों को लागू करने के लिए बाईपास किया था, जो जल्द ही शुरू होगा।
CGI ने बिल को संविधान की तरह बताया
बिल को मंजूरी देने के बाद, राज्यपाल पुरोहित ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि टीएम के मुख्यमंत्री एडप्पी के पलानीस्वामी ने पहले कहा था कि NEET कोटा बिल के तहत लगभग 300 परीक्षा वंचित परिवार से आने वाले सरकारी स्कूल के छात्रों के लिए आरक्षित है। वहीं, देश के सॉलिसिटर जनरल (CGI) तुषार मेहता ने भी इस विधेयक को संविधान के अनुरूप बताया। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह न्यायिक समीक्षा और आरक्षित सीटों की ऊपरी सीमा से संबंधित अन्य संवैधानिक सिद्धांतों के अधीन है।