नई दिल्ली : भारत और रूस के बीच तेईसवें वार्षिक शिखर सम्मेलन के अवसर पर प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस संवाद में दोनों देशों की ‘Special and Privileged Strategic Partnership’ को नई गति देने की प्रतिबद्धता जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में आपसी भरोसे और सम्मान पर आधारित यह संबंध हर वैश्विक उतार-चढ़ाव के बीच “ध्रुव तारे” की तरह स्थिर रहे हैं।
आर्थिक सहयोग में नई ऊँचाइयाँ : प्रधानमंत्री ने बताया कि दोनों देशों ने 2030 तक के लिए Economic Cooperation Programme पर सहमति बनाई है, जिससे व्यापार, निवेश और औद्योगिक सहयोग diversified और sustainable बनेगा। भारत–रूस बिज़नेस फोरम को दोनों देशों के लिए निर्यात, को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन के नए अवसरों का मंच बताया गया।
कृषि और उर्वरक क्षेत्र में साझेदारी को और मजबूत करते हुए दोनों देशों ने यूरिया उत्पादन पर संयुक्त प्रयास शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसी के साथ, यूरेशियन इकॉनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए को शीघ्र अंतिम रूप देने पर भी सहमति बनी।
कनेक्टिविटी मिशन को नई गति : प्रधानमंत्री ने कहा कि इंस्टक (INSTC), नॉर्दर्न सी रूट और चेन्नई–व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर को गति देने पर दोनों देश सहमत हुए हैं। भारत के समुद्री कर्मियों को पोलर वॉटर्स में ट्रेनिंग की सुविधा देना आर्कटिक सहयोग और रोजगार अवसरों को मजबूत करेगा।
शिपबिल्डिंग क्षेत्र में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को नई ताकत देगा और स्किल व रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
ऊर्जा सुरक्षा और नई तकनीकों में साझेदारी : भारत–रूस की पुरानी परमाणु सहयोग परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दोनों देशों ने क्लीन एनर्जी लक्ष्यों को साकार करने पर जोर दिया। साथ ही क्रिटिकल मिनरल्स पर सहयोग को भविष्य की हाई-टेक और न्यू-एज इंडस्ट्रीज के लिए महत्वपूर्ण बताया।
लोगों के बीच संपर्क को मिली प्राथमिकता : प्रधानमंत्री ने बताया कि रूस में भारत के दो नए कॉन्सुलेट खुलने और भारतीय पर्यटकों के लिए जल्द ही 30-day free e-tourist visa शुरू करने से लोगों के बीच संपर्क और मज़बूत होगा। मैनपावर मोबिलिटी, स्किलिंग, वोकेशनल एजुकेशन और छात्रों व खिलाड़ियों के आदान-प्रदान पर भी दो महत्वपूर्ण समझौते हुए।
वैश्विक मुद्दों पर तालमेल : यूक्रेन संकट पर प्रधानमंत्री ने दोहराया कि भारत सदैव शांति और संवाद का पक्षधर है और स्थायी समाधान के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि पहलगाम से लेकर क्रोकस सिटी हॉल तक—हर आतंकी घटना की सोच एक ही है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता जरूरी है।
भारत और रूस ने संयुक्त राष्ट्र, जी20, ब्रिक्स और एससीओ सहित अनेक बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
समापन में प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में भारत–रूस मित्रता वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और साझा भविष्य को सशक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी।


