New Delhi News : नईदिल्ली । नया भारत, टेक्नलाॅजी का सिर्फ कंज्यूमर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि भारत उस टेक्नलाॅजी के विकास में, उसके इंप्लीमेंटेशन में एक्टिव भूमिका निभाएगा। 5जी के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नलॉजी में ग्लोबल स्टैंडर्ड तय कर रहा है। 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 5जी सेवाओं का शुभारंभ करते हुए कही। प्रधानमंत्री ने छठी इंडिया मोबाइल कांग्रेस का भी उद्घाटन किया और इस अवसर पर आईएमसी प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर उद्योग जगत के दिग्गजों ने अपने विचार व्यक्त किए।
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने 2047 तक एक विकसित राष्ट् के विजन को प्रेरित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि सरकार के प्रत्येक कार्य और नीति को भारत को लक्ष्य की ओर ले जाने के लिए कुशलता से तैयार किया गया है। भारत के 5जी युग में तेजी से आगे बढ़ने के लिए उठाए गए कदम इसका सशक्त प्रमाण प्रस्तुत करते हैं।
उन्होंने शिक्षा, शिक्षा और जलवायु आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 5जी की संभावनाओं के बारे में बताया। अंबानी ने कहाकि आज की तेजी से बदलती दुनिया में एक पुनरुत्थानशील भारत को शीर्ष पर चढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
भारती इंटर प्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहाकि 5जी का शुभारंभ एक नए युग की शुरुआत है और चूंकि यह आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान हो रहा है, इसलिए यह इसे और भी खास बनाता है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री के प्रयासों से देश में नई ऊर्जा का संचार होगा।
मित्तल ने कहाकि यह विशेष रूप से हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए एक वृहद अवसर खोलेगा। उन्होंने कहाकि महामारी के दौरान गांवों और घरों तक यातायात सीमित हो गया था, किंतु देश की धड़कन एक पल के लिए भी नहीं रुकी। इसका श्रेय डिजिटल विजन को जाता है। मित्तल ने कहाकि डिजिटल इंडिया के साथ, प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अपइंडिया अभियान को भी आगे बढ़ाया और जल्द ही, भारत में यूनिकॉर्न की संख्या में वृद्धि होने लगी। उन्होंने कहाकि 5जी के आगमन के बाद भारत विश्व में कई और यूनिकॉर्न जोड़ेगा।
आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला ने 5जी के आगमन को एक परिवर्तनकारी घटना बताया, जो वैश्विक मंच पर भारत के कौशल को साबित करती है और भारत के विकास के आधार के रूप में दूरसंचार प्रौद्योगिकी की भूमिका सुनिश्चित करती है। उन्होंने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक पीढ़ीगत छलांग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया।
आठ साल पहले तक भारत में केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं। मोदी ने कहा, “ये संख्या अब 200 हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जीरो मोबाइल फोन निर्यात करने से लेकर आज हम हजारों करोड़ के मोबाइल फोन निर्यात करने वाले देश बन चुके हैं। उन्होंने कहा, “स्वाभाविक है इन सारे प्रयासों का प्रभाव डिवाइस की कीमत पर पड़ा है। अब कम कीमत पर हमें ज्यादा फीचर्स भी मिलने लगे हैं।