Bhopal News : भोपाल । प्रदेश में किसानों को जंगली पशुओं से होने वाली फसल हानि को रोकने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं कृष्णमृगों (ब्लैक बक) को पकड़कर अन्यत्र स्थापित किया जाएगा।
इन वन पशुओं को पकड़ने के लिए रॉबिन्सन 44 नामक हेलीकॉप्टर किराये पर लिया जाएगा। इसके लिए ई-टेंडर के जरिए निविदाएं भी आमंत्रित की गई हैं। तीन निविदाएं बुलाने के बावजूद अभी तक वांछित हेलीकॉप्टर एवं अनुभवी पॉयलट की निविदा प्राप्त नहीं हुई है।

इसलिए कैप्चर ऑपरेशन पूरा करने के लिए रॉबिन्सन 44 हेलीकॉप्टर या इसके समकक्ष विमान उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख सचिव विमानन से अनुरोध किया गया है। हेलीकॉप्टर उपलब्ध होने पर नीलगाय और ब्लैक बक कैप्चर कार्य तत्काल प्रारंभ कर दिया जाएगा। इससे किसानों की फसल हानि रूकेगी।

वहीं प्रदेश के अंतर्गत संरक्षित क्षेत्रों, वनमंडलों में कार्यरत वनकर्मियों की वन्य जीव संरक्षण, रेस्क्यू कार्यों में आकस्मिक दुर्घटनाओं के दौरान गंभीर रूप से घायल होने पर वनकर्मियों को उपचार के लिए तात्कालिक राशि की आवश्यकता होती है।
ऐसी स्थिति में अन्य मदों से राशि न उपलब्ध होने की स्थिति में प्रत्येक प्रकरण में उपचार के लिए तात्कालिक आर्थिक सहायता 5 लाख रूपये की राशि तक एवं आवश्यक होने पर एयर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक राशि का भुगतान मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति के अंतर्गत वन्यजीव संरक्षण योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत कॉपर्स फंड से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डा. यादव ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया है।
मुख्यमंत्री डा.यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश वन्य जीवों से समृद्ध है। शेर, बाघ, चीता, सांभर, हाथी सभी यहां उपलब्ध हैं। वन्य जीवों के कल्याण के लिए सभी प्रयास किए जाएं। प्रदेश के वनों में रह रहे हाथियों के कल्याण की भी चिंता करें। इनके भोजन की व्यवस्था करें।
घास के मैदान बनाएं ताकि वे भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों में यहां-वहां न भटकें। इससे किसानों की फसल हानि भी रूकेगी और मानव-हाथी के बीच टकराव की स्थिति के स्थान पर साहचर्य की भावना विकसित होगी।