दतिया. जिले में शिक्षा सत्र प्रारंभ हुए एक माह से अधिक का समय बीत गया है। इस एक माह में सिलेबस का कितना भाग पूरा किया जाना था, जो पूरा नहीं हो पाया है। कम किए जाने वाले 20 फीसद वाले पाठ्यक्रम में क्या कम किया जाए इसकी भी जानकारी जिला स्तर पर शिक्षा विभाग को अभी तक नहीं है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने पहली से बारहवीं तक बीस प्रतिशत सिलेबस कम करने का आदेश जारी किया था। एक माह से अधिक होने के बाद भी जिला स्तर पर यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस विषय में से कौन-कौन से भाग कम किए गए है। इससे सरकारी स्कूलों में आंशिक रूप से पहुंच रहे बच्चे और शिक्षक असमंजस की स्थिति में है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से 17 अक्टूबर को सिलेबस में 9 वी, 11 वी और 12 वी के लिए सिलेबस की जानकारी स्कूलों में भेजी गई। भाषाओं में विशिष्ट और सामान्य विषयों का प्राविधान भी खत्म कर दिया गया है। विशिष्ट और सामान्य के लिए अलग-अलग पुस्तकें ना होकर अब एक समान रहेगी।
शिक्षा विभाग को दो तरह से आ रही है दिक्कतें
शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद एक माह में जो कोर्स कितने फीसद पूरा किया जा रहा था उसकी समुचित गाइडलाइन नहीं होने के कारण भी कोर्स में क्या पढ़ाया जाए और क्या नहीं पढ़ाया जाए इसे लेकर भी शिक्षा विभाग संशय में है। वहीं दूसरी ओर सिलेबस कम नहीं कर पाने के कारण यह भी समस्या आ रही है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल को कितना कोर्स करवा दिया गया है इसकी रिपोर्ट भी नहीं भेजी जा सकी है।
यह भी है परेशानी
▪️नियमित कक्षा नहीं होने से विद्यार्थियों पर नियंत्रण मुश्किल।
▪️ वर्चुअल कक्षाओं में ठीक से होमवर्क और शिक्षकों द्वारा कराई गई पढ़ाई का मूल्यांकन स्तर ठीक नहीं।
▪️ छात्रों पर पर्याप्त नियंत्रण का अभाव
▪️ शिक्षकों पर चुनाव कार्य सहित अन्य दायित्व होने से अध्यापन कार्य व कक्षाएं प्रभावित।
▪️ वर्चुअल कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति भी नियमित नहीं होती।
▪️ विद्यार्थी और उनके अभिभावक भी वर्चुअल क्लास को गंभीरता से नहीं लेते।