भारत सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को दी सर्वोच्च प्राथमिकता : 2014-15 से 10% जीबीएस के तहत खर्च किए 3 करोड़ 84 लाख से अधिक रुपये

नई दिल्ली : भारत सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। कुल 55 गैर-छूट प्राप्त केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए अपनी सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) का कम से कम 10% खर्च करने का अधिदेश है।

केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए वर्ष 2014-15 से 10% जीबीएस के तहत 3,84,561.62 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10% जीबीएस के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2022-23 (31.12.2022 तक) की अवधि के दौरान बजट अनुमान (बीई), संशोधित अनुमान (आरई) और वास्तविक व्यय का ब्यौरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया है।

तालिका :  वर्ष 2014-15 से 10% जीबीएस के अंतर्गत बजट अनुमान (बीई), संशोधित अनुमान (आरई) और वास्तविक व्यय

(करोड़ रु. में)

    वर्ष बजट अनुमान संशोधित अनुमान वास्तविक व्यय आर.ई. के में वास्तविक व्यय
2014-15 36,107.56 27,359.17 24,819.18 90.72
2015-16 29,087.93 29,669.22 28,673.73 96.64
2016-17 29,124.79 32,180.08 29,367.9 91.26
2017-18 43,244.64 40,971.69 39,753.44 97.03
2018-19 47,994.88 47,087.95 46,054.80 97.81
2019-20 59,369.90 53,374.19 48,533.80 90.93
2020-21 60,112.11 51,270.90 48,563.82 94.72
2021-22 68,020.24 68,440.26 70,874.32 103.56
2022-23 76,040.07 72,540.28 47,920.63* 66.06*
कुल 3,84,561.62
स्रोत : केंद्रीय बजट का विवरण-11/23, विभिन्न वर्ष।

नोट : वास्तविक व्यय के आंकड़े अनंतिम हैं और वित्त मंत्रालय द्वारा जांच के अधीन हैं।

*31.12.2022 तक, 55 गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रदत्त सूचना के अनुसार।

यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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