अब घर-घर दस्तक देकर बनाए जाएंगे आयुष्मान कार्ड, जिले के पिछड़ने पर झोंकी ताकत

दतिया । आयुष्मान योजना के तहत दतिया जिला पिछड़ गया है। अब गांव गांव जाकर घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य कर्मचारी और अन्य विभाग के लोग कार्ड बनाने में जुटे हैं। आयुष्मान कार्ड को लेकर प्रशासन भी गंभीर है। जिले में अभी तक 97 हजार कार्ड बन चुके हैं। प्रतिदिन 1200 से लेकर 1500 कार्ड बनाए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व हुई आयुष्मान योजना की समीक्षा के दौरान दतिया जिले का प्रदेश में 14वां स्थान था। इसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अमले ने गांव-गांव जाकर घरों में दस्तक देकर यह कार्ड बनाने की शुरुआत की है। जिले में कुल 5 लाख 18 हजार लोग आयुष्मान कार्ड के पात्रता रखने वाले हैं। जबकि अभी तक 97 हजार कार्ड बनाए गए हैं। केंद्र सरकार की इस योजना के तहत गरीबों का 5 लाख रूपये तक का इलाज मुफ्त करने का प्रावधान है। इस कार्य को जिला चिकित्सालय से रेफर करने के बाद वह कहीं भी निजी हॉस्पिटल में भी अपना इलाज करवा सकता है। आयुष्मान कार्ड़धारी इलाज का भुगतान केंद्र सरकार करेगी।

कई गंभीर बीमारियों का इलाज भी है कव्हर

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केंद्र सरकार ने प्रवाधान किया है कि जिस बीमारी का इलाज सरकारी अस्पतालों में नहीं हो पा रहा है वहां से आयुष्मान योजना के तहत कार्ड धारी को रेफर करवा कर निजी हास्पीटल भेजा जा सकता है। इसके अलावा हृदय रोग, पेट रोग संबंधी गंभीर बीमारी और मस्तिष्क संबंधी रोग के साथ ही 16 प्रकार के विभिन्न प्रकार के रोग इसमें कव्हर किए गए है। इसमें कोरोना जैसी बीमारी को शामिल नहीं किया गया है। राज्य स्तर पर इसी तरह की दिनदयाल योजना के तहत भी गरीबों का इलाज किया जा रहा है। उसमें दवाइयों की खरीदी भी जिला अस्पताल प्रशासन करता है।

यह किए जा रहे हैं प्रयास

पिछले 16 दिसंबर के बाद से प्रत्येक विकासखंड में इन कार्डों के बनने की शुरुआत की गई है। गांव गांव जाकर स्वास्थ्य विभाग सहित पंचायती अमला ऐसे लोगों को ढूंढ रहा है, जो इसकी पात्रता रखते हैं। लगभग 12 सौ से 1500 आयुष्मान योजना के कार्ड अब प्रतिदिन बनने शुरू हो गए हैं। जो कार्ड बन रहे हैं उनमें से लगभग 1000 कार्ड से अधिक प्रतिदिन एक एप्रव्हूड भी किए जा रहे हैं। इसके लिए पंचायत स्तर पर कर्मचारी भी स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

अगले माह होने वाली समीक्षा में जिले का स्थान इन प्रयासों के बाद कहां रहता है यह अब देखने वाली बात है। सूत्रों के माने तो अभी जिले में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगभग तीन माह से अधिक का समय लगेगा। ऐसी स्थिति में पंचायती या निकाय चुनाव आ जाते है, तो आयुष्मान योजना के कार्ड बनने में और भी अधिक समय लग सकता है। इस कारण भी प्रशासन प्रयास कर रहा है कि जल्द से जल्द आयुष्मान योजना के ज्यादा कार्ड़ बन जाए तो जिले की स्थिति बेहतर स्तर पर आ सकें।

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