अब ऐसे हो सकेगा कोरोना टेस्ट, स्वास्थ्य विभाग ने फिर बदले आदेश, इधर गुरूवार को निकले 200 संक्रमित, 7 की मौत

दतिया । अब कोरोना टेस्ट कराना भी आसान नहीं होगा। इस मामले में भी हर रोज शर्ते तय की जा रही है। वहीं गुरुवार को कोरोना के नए 200 संक्रमित मरीज फिर निकले हैं। इसके साथ ही करीब 7 लोगों की मौत संक्रमण के चलते होने की जानकारी मिली है। इधर कोरोना टेस्ट को लेकर एक दिन पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग को लेकर कुछ नियम और प्रकि्रया बनाई थी, जिसमें गुरुवार को फिर बदलाव कर दिया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा.आर.बी. कुरेले ने इस संदर्भ में गुरूवार को नया आदेश जारी करते हुए सैंपलिंग को लेकर निर्देश दिए हैं कि थर्मल स्कैनर से टेंपरेचर 97 डिग्री फेरेनहाइट ज्यादा होने पर तथा पल्स आक्सीमीटर से आक्सीजन सैचुरेशन 94 से कम होने पर ही किसी भी व्यक्ति का कोरोना का टेस्ट किया जाएगा। उन्होंने एक अन्य नियम में यह भी कहा है कि पल्स रेट या हार्ट रेट प्रति मिनट 100 से ज्यादा होने पर कोरोना टेस्ट संभव होगा।

इसके साथ ही फीवर के प्रभारी को किस व्यक्ति का टेस्ट किया जाना है और किसका नहीं, इसकी भी जिम्मेवारी सौंपी है। कोरोना सैपलिंग के लिए डॉक्यूमेंटेशन और सही मोबाइल नंबर भी देना जरूरी होगा। स्वास्थ्य विभाग ने गत दिवस जारी किए गए सेंपलिंग के संदर्भ में एक नया आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि उक्त आदेश का उद्देश्य सैंपलिग कम करना नहीं बल्कि अनावश्यक रूप से कराए जा रहे सैंपलिंग को रोककर इस आपात स्थिति में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की समस्या कम करना है।

डा. कुरेले ने जानकारी में बताया कि उनके द्वारा जारी किए गए आदेश में पुनः संशोधन किया गया है और फीवर क्लीनिक के प्रभारियों को विवेकानुसार सैंपलिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि पिछले माह से सैंपलिंग के दौरान कई लोग कार्यालयों में या बाहर जाने के दौरान कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट का प्रमाण पत्र बनाना चाहते हैं। ऐसे लोग बड़ी तादाद में टेस्ट करवा रहे थे। ऐसे मंे मेडिकल स्टाफ का कार्य बढ़ जाता है। 500 से 600 सेंपलिंग स्वास्थ्य अमला प्रतिदिन करता है। इसके अलावा निवाड़ी के सैंपल जांच भी स्थानीय मेडिकल कालेज में की जा रही है। इसीलिए आक्सीजन लेवल और बुखार होने पर प्राथमिकता के आधार पर सैंपलिंग की जाना है। इसके पीछ कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को छुपाना कोई उद्देश्य नहीं है।

सीएमएचओ ने बताया कि कुल सैंपलिंग में 10 फीसद लोग ऐसे भी हैं जो पहले एंटी रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाते हैं। उसके बाद आरटीपीसीआर टेस्ट करवाते हैं। इससे फीवर क्लीनिक में कार्य का दबाव बढ़ जाता है। ऐसे लोगों की संख्या कम करने के लिए उक्त आदेश दिए गए थे। उन्होंने बताया कि सैंपलिंग के लिए आक्सीजन सैचुरेशन और फीवर यह दोनों चीजें ही आवश्यक होती हैं। अतः संबंधित आदेश में इस बात को जोड़ा गया है।

सीएमएचओ ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य अमला अपनी जान की बाजी लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहा है। ऐसे में हम सभी की ड्यूटी है कि उनके कार्यों को स्मार्ट वर्क के तहत लाया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा परिणाम मिल सके। डा.कुरेले ने नए आदेश के तहत फीवर क्लीनिक के प्रभारी को यह दायित्व सौंपा है कि अब प्रभारी जिसे योग्य समझेंगे उसका सैंपलिंग कर सकेंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने पिछले एक माह में लगातार सेंपलिंग की संख्या बढ़ाई है। जिसमें कांटेक्ट ट्रेसिंग और सीधे फीवर क्लीनिक आने वाले लोगों की टेस्टिंग शामिल है। उन्होंने सभी लोगों से कोरोना गाइड लाइन का पालन करने और सैंपलिंग कराने से पूर्व आक्सीजन सैचुरेशन लेवल तथा फीवर और डॉक्यूमेंटेशन संबंधी नियम का पालन करने की बात कही है, ताकि संक्रमित मरीजों की ही सेंपलिंग हो सके। इससे कांटेक्ट ट्रेसिंग में मदद मिल सके।

सात कोरोना पाजीटिव मरीजों की मौत, 200 नए मामले

विगत बुधवार शाम से गुरूवार दोपहर 12 बजे तक 7 कोरोना पाजीटिव मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो गई। इन सभी का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा था। जिन लोगों की मौत हुई उनमें वीरेंद्र खरे (68) निवासी जिला निवाड़ी, बालमुकुंद (70) निवासी बडौनी, जमुना देवी कुशवाहा (60) निवासी शिवाजी नगर कालोनी दतिया, ईश्वर (46) निवासी दतिया, संतोष गुप्ता (52) निवासी जिला छतरपुर, प्रमोद उपाध्याय (55) निवासी मुड़ियन का कुआं तथा बद्रीप्रसाद अहिरवार (65) निवासी छतरपुर की मौत हो गई। इन सभी मृतकों का कोरोना प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार स्थानीय श्मशान घाट पर किया गया। वहीं गुरूवार को 652 लोगों की जांच रिपोर्ट में 200 नए कोरोना संक्रमित मरीज निकले।

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