अब घर बैठे भक्त करा सकेंगे बदरी-केदारनाथ धाम में आनलाइन पूजा, पंजीयन के बाद जमा करानी होगी राशि

गढ़वाल । कोरोना काल में बदरी-केदार धाम की यात्रा स्थगित होने के कारण पुजारी और उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के कर्मचारी ही पूजा की रस्म निभा रहे हैं। लेकिन आनलाइन पूजा कोई भी श्रद्धालु करा सकता है। इसके लिए भगवान नारायण और बाबा केदार के द्वार खुले हैं। श्रद्धालु देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण कराने के बाद संबंधित पूजा के लिए तय राशि बोर्ड के खाते में जमा करा सकते हैं। बदरीनाथ धाम में महाभिषेक पूजा, भोग, आरती, नित्य पूजाएं और रात को शयन आरती हमेशा की तरह हो रही है।

यह सभी अनुष्ठान मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के सानिध्य में संपन्न हो रहे हैं। धर्माधिकारी व वेदपाठी इसमें सहभाग कर रहे हैं। धाम में आनलाइन बुक की हुई पूजा की पुकार भी भगवान नारायण के समक्ष प्रतिदिन लग रही है। आनलाइन पूजा के लिए मंदिर की वेबसाइट पर जाकर उसमें श्रद्धालु को अपना व स्वजन का नाम, गोत्र व शहर का नाम दर्ज करना पड़ता है। साथ ही कौन सी पूजा करानी है, इसका भी उल्लेख करना होता है। इसी के आधार पर बोर्ड अधिकारी रसीद काटकर उसे पूजा में शामिल करते हैं।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की ओर से बताई गई तिथि में उनके नाम व गोत्र के आधार पर पूजा कराई जाएगी। प्रसाद आनलाइन भेज दिया जाएगा। बदरीनाथ धाम में होने वाली पूजाओं में महाभिषेक पूजा : 4300 रुपये, अभिषेक पूजा : 4101, वेदपाठ पूजा : 2100, गीता पाठ : 2500, श्रीमद्भागवत सप्ताह पाठ : 35101, एक दिन की संपूर्ण पूजा : 11700, कपूर आरती : 151, चांदी आरती : 351, स्वर्ण आरती : 370, अष्टोतरी पूजा : 351, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ : 456, विष्णु सहस्त्रनामावली : 678, शयन आरती व गत गोविंद पाठ : 3100 रुपये में की जाएंगी।

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केदारनाथ में होने वाली पूजाओं की दर इसप्रकार रहेगी। महाभिषेक पूजा : 8500 रुपये, रुद्राभिषेक पूजा : 6500, लघु रुद्राभिषेक पूजा : 5500, अष्टोपधार पूजा : 850, दिनभर की पूजाएं : 26000, प्रात:कालीन पूजा : 850, बालभोग पूजा : 900, यह पूजा दर प्रति व्यक्ति के हिसाब से रखी गई हैं।

इधर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष कहते हैं कि देशभर में श्रद्धालुओं के पास तीर्थ पुरोहितों के मोबाइन नंबर उपलब्ध हैं। श्रद्धालु अगर फोन करते हैं तो धाम में उनके नाम से आनलाइन पूजा कराई जाएगी। इसके लिए गंगोत्री मंदिर समिति की वेबसाइट तैयार की जा रही है, ताकि श्रद्धालु आसानी से पंजीकरण करा सकें। उधर, यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष ने कहाकि धाम में नेटवर्क का बड़ा संकट है। फोन भी ठीक से काम नहीं करते। ऐसे में आनलाइन पूजा, आरती व दर्शन फिलहाल संभव नहीं हैं।

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