भोपाल : मध्य प्रदेश में अब निजी उपयोग में आने वाले यात्री वाहनों पर टोल टैक्स नहीं लगेगा। यह सुविधा राज्य सड़क विकास निगम की नई सड़कों पर उपलब्ध होगी। इसे लेकर राज्य सरकार ने टोल टैक्स से संबंधित नीति में नए प्रावधान किए हैं। वास्तव में, अब एकत्र किए गए टोल का अस्सी प्रतिशत वाणिज्यिक वाहनों से आता है।
वहीं, निजी इस्तेमाल में आने वाले वाहनों पर टोल टैक्स कम और परेशानी ज्यादा है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। राज्य में अधिकांश प्रमुख सड़कों का निर्माण राज्य सड़क विकास निगम द्वारा बिल्ड आपरेट एंड ट्रांसफर (बीओटी) पद्धति पर किया जा रहा है।

नई नीति के तहत तय किया गया है कि बिल्ड आपरेट एंड ट्रांसफर BOT (एजेंसी सड़क बनाकर टोल लेती है और निश्चित अवधि के बाद मप्र सरकार को देती है) की सड़क हो या फिर एन्यूटी पद्धति (एजेंसी द्वारा सड़क निर्माण करने के बाद उसे समान किस्तों में लागत राशि दी जाती है) पर बनने वाली सड़क हो, दोनों शर्तों में निजी वाहनों से टोल टैक्स नहीं वसूला जाएगा।
विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के अनुसार अब टोल टैक्स लगाने के जो भी प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे, उनमें निजी वाहनों से टैक्स नहीं वसूलने का प्रावधान शामिल नहीं किया जाएगा।

पहले कुछ सड़कों के प्रस्ताव पुराने प्रावधान के अनुसार कैबिनेट में गए थे और उन्हें मंजूरी भी मिली थी लेकिन अब उन्हें संशोधन के लिए पेश करने की तैयारी की जा रही है।