अब नारद मामले में गिरफ्तार नेताओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में ईडी, जमा दस्तावेजों पर सीबीआई संतुष्ट नहीं

कोलकाता । नारद स्टिंग आपरेशन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सक्रिय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी अब गिरफ्तार नेताओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में जुट गई है। ईडी ने इस मामले में पहले ही 13 आरोपितों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि सोमवार को सीबीआई ने ममता सरकार के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम व विधायक मदन मित्रा के साथ ही पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया था।

अप्रैल, 2017 में सीबीआई की जांच तथा एफआइआर को आधार बनाकर ईडी ने इस मामले में 13 नेताओं मदन मित्रा, मुकुल रॉय (अब भाजपा में), सौगत रॉय, सुलतान अहमद (2017 में निधन), इकबाल अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, प्रसून बंदोपाध्याय, सुवेंदु अधिकारी (अब भाजपा में), शोभन चटर्जी (अब किसी दल में नहीं), सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम, अपरूपा पोद्दार, आइपीएस अधिकारी सैयद हुसैन मिर्जा के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। ईडी ने जुलाई, 2020 में इसी मामले में 11 आरोपितों को नोटिस भेजकर पिछले सात वर्षों में उनकी आय, संपत्ति और निवेश का विवरण मांगा था।

इसके बाद फिर नवंबर 2020 में ईडी ने इस मामले में फिरहाद हकीम, प्रसून बंदोपाध्याय और मदन मित्रा को नोटिस भेजकर उनके आय-व्यय, बैंक खाते से लेन-देन और चल-अचल संपत्ति का विस्तृत ब्योरा मांगा था। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आरोपित नेताओं ने आय-व्यय तथा संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, उससे ईडी संतुष्ट नहीं है। लिहाजा अब वह पिछले दिनों सीबीआइ की बड़ी कार्रवाई के बाद अब गिरफ्तार नेताओं की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में जुटी है।

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बताया जाता है कि नारद स्टिंग आपरेशन मामले में दोनों केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई व ईडी जानकारियां साझा कर रही हैं। हालांकि, जांच के हित में एक-दूसरे के साथ जानकारी साझा करना एक सामान्य प्रक्रिया है। ईडी सूत्रों ने कहाकि मनी लांड्रिंग के पहलू की आगे की जांच सीबीआई की तफ्तीश पर निर्भर करती है। बता दें कि नारद स्टिंग आपरेशन नारद न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग आपरेशन किया था। इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए थे। 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारद स्टिंग आपरेशन का वीडियो जारी किया गया था।

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