मुंबई : आयकर विभाग ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण और अन्य के खिलाफ कर चोरी के मामले में मुंबई में रामकृष्ण से जुड़े परिसरों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
बाजार नियामक सेबी ने हाल में एक आदेश जारी किया, जिसके मुताबिक एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण को एक हिमालयी योगी ने प्रभावित किया था, जिसके प्रभाव में उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्ति किया।

अधिकारियों ने कहा कि छापे का मकसद उनके तथा अन्य के खिलाफ लगे कर चोरी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों की जांच करना है।
सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि रामकृष्ण ने योगी के साथ विभागीय खुफिया जानकारियां साझा की थीं, जिनमें एनएसई की आर्थिक और कारोबारी योजनाएं शामिल हैं। वह अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच एनएसई की एमडी और सीईओ थीं।
रामकृष्ण और सुब्रमण्यम को तीन साल की अवधि के लिए किसी भी बाजार ढांचागत संस्थान या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ के साथ जुड़ने से निषिद्ध कर दिया गया हैं। जबकि नारायण के लिये यह पाबंदी दो साल के लिए है।

सेबी ने एनएसई को रामकृष्ण के अतिरिक्त अवकाश के बदले भुगतान किए गए 1.54 करोड़ रुपये और 2.83 करोड़ रुपये के बोनस (डेफर्ड बोनस) को जब्त करने का भी निर्देश दिया था। इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिए रोक दिया है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने सरकार से एनएसई के कामकाज के तरीके पर श्वेत पत्र लाने की मांग की।