भोपाल में किसानों से संवाद: कृषि उपकरण वितरित, जीएसटी सुधारों पर चर्चा, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को दिए नए कृषि उपकरण, जीएसटी सुधारों को बताया लाभकारी !

भोपाल :  भोपाल स्थित आईसीएआर– केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से संवाद किया और उन्हें नए कृषि उपकरणों एवं इनपुट किट का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए जीएसटी सुधारों के प्रभावों पर भी चर्चा की और किसानों को इसके लाभ बताए।


जीएसटी सुधारों का प्रभाव : कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि हालिया जीएसटी सुधारों से किसानों और आम उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी। खेती-बाड़ी से जुड़ी वस्तुओं पर कर की दरें घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई हैं, जबकि अत्यावश्यक दैनिक उपयोग की वस्तुओं को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस सुधार से कृषि उपकरणों की खरीद भी सस्ती होगी। उदाहरणस्वरूप, 35 हॉर्स पावर के ट्रैक्टर पर किसानों को लगभग 43 हज़ार रुपये की बचत होगी।


महंगाई से राहत और जनकल्याण योजनाएँ : चौहान ने कहा कि हाल के वर्षों में महंगाई के दबाव में कमी आई है और जीएसटी सुधारों के साथ ही जनकल्याणकारी योजनाएँ भी लोगों की मदद कर रही हैं। उन्होंने कहा कि निःशुल्क राशन वितरण, किसान सम्मान निधि, लखपति दीदी योजना, स्ट्रीट वेंडर योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलें ग्रामीण परिवारों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में योगदान दे रही हैं।


नए कृषि उपकरण और तकनीक

कार्यक्रम में आईसीएआर द्वारा विकसित कई नवीनतम कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया।

  • बैटरी से चलने वाला स्प्रेयर मशीन, जिसे कंधे पर लटकाकर आसानी से उपयोग किया जा सकता है।

  • सब्ज़ियों की रोपाई के लिए तैयार विशेष यंत्र, जिसकी मदद से एक मिनट में 12–15 पौधे लगाए जा सकते हैं।

इन यंत्रों के बारे में चौहान ने कहा कि इससे किसानों का समय और श्रम दोनों की बचत होगी और उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी।


इंटीग्रेटेड फार्मिंग की ओर जोर : कार्यक्रम के दौरान चौहान ने किसानों को केवल पारंपरिक खेती तक सीमित न रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अब समय है कि किसान इंटीग्रेटेड फार्मिंग मॉडल अपनाएं, जिसमें खेती के साथ-साथ पशुपालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन और मछली पालन जैसी गतिविधियाँ भी जोड़ी जाएँ। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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