भुवनेश्वर : ऩई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा 07 जून, 2023 को ओडिशा के तट के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। उड़ान परीक्षण के दौरान, सभी उद्देश्य सफलतापूर्वक प्रदर्शित हुए।
यह मिसाइल के तीन सफल विकास परीक्षणों के बाद यूजर्स द्वारा आयोजित पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, जो सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता को मान्य करता है। रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था, जिसमें दो डाउन-रेंज जहाज शामिल थे, ताकि वाहन के पूरे प्रक्षेपवक्र को कवर करने वाले उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके।
डीआरडीओ और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने सफल उड़ान परीक्षण को देखा, जिसने सशस्त्र बलों में प्रणाली को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
रक्षा मंत्री ने दी बधाई : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि प्राइम’ की सफलता के साथ-साथ कॉपी-बुक प्रदर्शन के लिए बधाई दी है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण लॉन्च में शामिल यूजर्स द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल भारत की सुरक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण चरम है, जो देश के सुरक्षा को बढ़ाने और एक मजबूत डिटरेंट रचने के लिए राष्ट्र की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है। अग्नि प्राइम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा भारतीयता से विकसित किया गया है, जो तकनीकी प्रगति और रणनीतिक क्षमताओं में एक बड़े कदम को दर्शाता है। इस लेख में हम अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल की विशेषताओं और महत्व पर विचार करेंगे, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कर रही है।