नई दिल्ली : भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अशोक के. के. मीना ने कहा कि सरकार ने गेहूं और चावल की कीमत को नियंत्रित करने के क्रम में बाजार हस्तक्षेप के एक हिस्से के रूप में मौजूदा खुदरा कीमतों में मुद्रास्फीति-रुझान को रोकने के लिए; एफसीआई को गेहूं और चावल की ई-नीलामी करने का निर्देश दिया है। मीना ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही।
गेहूं का आधार मूल्य, एफएक्यू के लिए 2150 रुपये/क्विंटल और यूआरएस गेहूं के लिए 2125 रुपये/क्विंटल पर यथावत रखा गया है। गेहूं की जमाखोरी को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने निर्णय लिया है कि नीलामी में भाग लेने के लिए गेहूं स्टॉक निगरानी प्रणाली के पोर्टल पर घोषणा करना अनिवार्य है। इसके अलावा, वास्तविक प्रसंस्करण-कर्ताओं और व्यापारियों की पहचान के उद्देश्य से, भाग लेने के लिए एफएसएसएआई लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है।
इस ई-नीलामी में खरीदार अधिकतम 100 मीट्रिक टन तक के लिए बोली लगा सकते हैं। गेहूं के छोटे प्रसंस्करण-कर्ताओं और व्यापारियों को समायोजित करने के लिए न्यूनतम मात्रा 10 मीट्रिक टन रखी गई है। इसके अलावा, गेहूं के छोटे और सीमांत व्यापारियों और प्रसंस्करण-कर्ताओं को समायोजित करने के लिए, ई-नीलामी में भाग लेने के ईएमडी को भी पूर्व-स्तर से 50% कम कर दिया गया है।
बोली स्थानीय खरीदारों के लिए सीमित रखी गयी है, इसे स्टॉक जारी होने से पहले राज्य के जीएसटी पंजीकरण की मैपिंग और जांच के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा। ये उपाय किसी राज्य-विशेष में पेश किए गए स्टॉक के सन्दर्भ में व्यापक स्थानीय पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।
पहली ई-नीलामी के तहत, देशभर के 457 डिपो से 4 एलएमटी गेहूं की पेशकश की जा रही है। 01.04.2023 के बाद 271 खरीदारों का नया पैनल बनाया गया है। अभी तक, सक्रिय सूचीबद्ध बोलीदाताओं की संख्या 2093 है।
खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत चावल की ई-नीलामी 5 जुलाई, 2023 से शुरू होगी। चावल का आधार मूल्य 3100 रुपये/क्विंटल है।
एफसीआई द्वारा 15.03.2023 तक गेहूं की 6 साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जा चुकी है। 45 दिनों की अवधि में इस व्यापक हस्तक्षेप के कारण कुल 33.7 एलएमटी गेहूं बाजार में पहुंचा, जिससे गेहूं की कीमतों में 19% की कमी आई। गेहूं की रबी खरीद अवधि के कारण, बाजार हस्तक्षेप निलंबित कर दिया गया था।