भारत में 10 में से एक व्यक्ति अस्थमा से प्रभावित
लखनऊ । अस्थमा फेफड़ों का रोग है जो सांस की समस्याओं के कारण होता है। इससे दुनियाभर में करीब 1.5 से करोड़ लोग प्रभावित हैं। डब्लूएचओ की मानें तो अस्थमा से होने वाली 80 फीसदी मौतें कम आय वाले देशों में होती है। भारत में 10 में से एक व्यक्ति अस्थमा से प्रभावित है। यह अनुवांशिक बीमारी है। इसमें बचाव ही कारगर है। अवेयरनेस और सही समय पर इलाज के जरिए इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। वर्ल्ड अस्थमा डे के अवसर पर यह बातें विपिन प्रियंका प्रोडक्शन द्वारा आयोजित ऑनलाइन सेमिनार निकल कर सामने आई ।
विपिन प्रियंका प्रोडक्शन के चेयरमैन डॉक्टर विपिन अग्निहोत्री के मुताबिक अस्थमा के लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, खांसी, छाती में कड़ापन और बार-बार ऐसे होना शामिल हैं। अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो इससे सांस लेने में समस्या हो सकती है।
एक्सपर्ट डॉ एस अब्बास जो अस्थमा पीड़ितों के लिए काफी समय से काम कर रहे हैं ने बताया की हालांकि अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन बचाव, दवाइयों और इलाज से इंसान सामान्य जिंदगी जी सकता है।