अयोध्या । अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम के मंदिर को अभूतपूर्व बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। कई सालों के इंतजार के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण की घड़ी आ पाई है, ऐसे में श्रीराम भक्तों में इसको लेकर जहां अपार उत्साह है, वहीं निर्माण में आम लोगों को भी भागीदारी का एहसास कराने के लिए समर्पण निधि अभियान चलाया गया था। जिसमें सभी वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर राशि दान कर मंदिर निर्माण में सहयोग पहुंचाया।
अब एक ओर यादगार पल मंदिर निर्माण से जुड़ गया है। वो है उस स्थान का पत्थर जहां माता सीता को दशानन रावण ने बंदी बनाकर रखा था। जी हां, यह पत्थर श्रीलंका से भारत लाकर मंदिर निर्माण में उपयोग किया जाएगा। इससे पहले देश के तमाम प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से मिट्टी, पवित्र जल आदि भी मंदिर निर्माण के लिए मंगाए जा चुके हैं।
श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि माता सीता को रावण ने श्रीलंका में इसी स्थान पर बंदी बनाकर रखा था। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने एक ट्वीट किया कि ‘अयोध्या में राम मंदिर के लिए श्रीलंका स्थित सीता एलिया के पत्थर का इस्तेमाल भारत और श्रीलंका के संबंधों की मजबूती का स्तम्भ बनेगा। भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा को उच्चायुक्त की मौजूदगी में म्यूरापति अम्मान मंदिर में यह पत्थर सौंपा गया।
सीता एलिया में माता सीता का मंदिर है और ऐसा माना जाता है कि इसी स्थान पर लंकापति रावण ने उन्हें बंदी बनाकर रखा था और यहीं माता सीता भगवान राम से प्रार्थना किया करती थीं कि वह उन्हें बचाकर ले जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर का ‘भूमि पूजन’ किया था। इसीके साथ भाजपा की मंदिर मुहिम भी पूरी हो गई, जो तीन दशक तक उसकी राजनीति का अहम हिस्सा रही और जिसने उसे सत्ता में शीर्ष पर पहुंचाया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य सौंपा गया है। इसके महासचिव चंपत राय ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लगभग तीन साल में पूरा होने की संभावना है। निर्माण कार्य को लेकर तैयारियां जोरशोर से की गई है। नींव भराई का कार्य भी अभी हाल में कराया गया।