रायपुर । बेजुबान जानवर जब पूजा अर्चना में शामिल हों, तो आश्चर्य होना स्वभाविक है। आमतौर पर मंदिर में इंसान अपने भगवान का भजन-पूजन करने जाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आस्था की शक्ति से सिर्फ इंसान ही जुड़े हैं । हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी हैं जहां जानवर भी पूजा अर्चना में शामिल होता है। मंदिर में आरती के दौरान इंसान ही नहीं बल्कि जानवर भी बाकयदा इकट्ठे होते हैं। जानवर भी वह जो गाय या वानर जैसे जीव नहीं, बल्कि भालू जैसे हिंसक जंगली जानकार पूजा में भाग लेते हैं।
आइए बताते हैं यह मंदिर कहां िस्थत है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के घुंचापाली इलाके में बना हुआ है। यहां पर्वत पर मां चंडी देवी का मंदिर है, जहां हर रोज शाम की आरती के दौरान कई श्रद्धालुओं के अलावा भालू भी उपस्थित होते हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक भालू यहां मां की परिक्रमा करते हैं और श्रद्धालुओं द्वारा दिया गया प्रसाद भी ग्रहण करते हैं। आश्चर्य की बात ये है कि इस दौरान पूरे समय भालू शांत रहते हैं और वे ऐसी कोई हरकत नहीं करते जिससे श्रद्धालुओं को भय या परेशानी हो। यहां लोगों को शाम 6 बजे होने वाली आरती का इंतजार रहता है।
जैसे ही मां के जयकारों के साथ आरती शुरू होती है, पहाड़ी से भालू चले आते हैं और वे मंदिर परिसर में खड़े हो जाते हैं। आरती में शामिल होने वाले इंसानों को इनसे कोई परेशानी नहीं होती। वहीं लोग जब भालुओं को इस प्रकार शांत मन से मां के दरबार में खड़ा देखते हैं तो यह घटना उनके लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं होती।
भालुओं के आने, आरती में शामिल होने और प्रसाद लेकर चले जाने का यह सिलसिला काफी लंबे समय से चल रहा है, दूर-दूर से लोग माता का यह चमत्कार देखने चले आते हैं। लोगों के मुताबिक भालुओं की यह तादाद करीब आधा दर्जन है।
अब यह भालू भी इस मंदिर का एक अभिन्न अंग बन चुके हैं। आरती के बाद ये प्रसाद ग्रहण करते हैं और वापस पहाड़ी की ओर चले जाते हैं। तब उन्हें अगले दिन का इंतजार रहता है ताकि वे मां के दर्शन कर प्रसाद प्राप्त कर सकें।