नई दिल्ली : भारतीय सशस्त्र बलों ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक एक सटीक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
भारतीय सरकार के मुताबिक, यह सैन्य कार्रवाई केंद्रित, संयमित और पूरी तरह से आतंकवाद विरोधी थी। ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान की किसी सैन्य संरचना को नुकसान नहीं पहुंचाया गया, जिससे यह स्पष्ट किया गया कि भारत का उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद के ढांचे को तोड़ना था, न कि किसी देश से युद्ध छेड़ना।
सशस्त्र बलों ने टारगेटिंग में उच्च स्तर की सटीकता दिखाई, और हमले सिर्फ उन स्थानों तक सीमित रखे गए जहां से भारत में आतंकी गतिविधियों की योजना और संचालन किया जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में कार्रवाई हुई उनमें बहावलपुर, मुरिदके, कोटली और मुजफ्फराबाद शामिल हैं – जो लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के अड्डे माने जाते हैं।
ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ विशेष रूप से उन वीरांगनाओं के सम्मान में रखा गया है जिनके पति पहलगाम हमले में शहीद हुए। यह न केवल आतंकियों को स्पष्ट संदेश है, बल्कि देश के नागरिकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है।

कार्यवाही के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) के आसपास कुछ क्षेत्रों में तनाव बढ़ा है, लेकिन भारत की स्थिति स्पष्ट है—आतंक के विरुद्ध कार्रवाई में कोई समझौता नहीं।