PM मोदी रोजगार मेले में 71 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे, कर्मयोगी प्रारंभ कोर्स में ट्रेनिंग का भी मिलेगा अवसर

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित चौथे राष्ट्रीय रोजगार मेले में आज लगभग 71 हजार युवाओं को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए गए।  मोदी ने कहा कि विकसित भारत की संकल्प सिद्धि के लिए हमारी सरकार, युवाओं की प्रतिभा व ऊर्जा को सही अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। कल ही, मध्य प्रदेश में 22 हजार से ज्यादा शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र सौंपे गए। ये राष्ट्रीय रोजगार मेला भी युवाओं के प्रति हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर जबलपुर में मेले में अतिथि थे, जहां उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश को आत्मनिर्भर बनाने का काम हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत, दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत को दुनिया एक ‘ब्राइट स्पाट’ के तौर पर देख रही है। नई नीति व रणनीति ने देश में नई संभावनाओं व नए अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। पहले की रिएक्टिव एप्रोच के बजाय 2014 के बाद से भारत ने प्रो-एक्टिव एप्रोच अपनाई है, नतीजतन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक, रोजगार-स्वरोजगार के वो अवसर पैदा कर रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। आज युवाओं के सामने कई ऐसे सेक्टर्स खुल गए हैं, जो 10 साल पहले उपलब्ध तक नहीं थे। स्टार्टअप्स इसका उदाहरण है, स्टार्टअप्स ने 40 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जाब तैयार किए हैं। मोदी ने रोजगार के नए क्षेत्रों के रूप में ड्रोन व खेल क्षेत्र का उल्लेख भी किया।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच- एप्रोच सिर्फ स्वदेशी अपनाने और वोकल फार लोकल से कहीं ज्यादा है। यह अभियान, गांवों से लेकर शहरों तक देश में रोजगार के करोड़ों नए अवसर पैदा करने वाला है। आज आधुनिक सैटेलाइट्स से लेकर सेमी हाईस्पीड ट्रेन तक भारत में ही तैयार हो रही है। 8-9 वर्षों में देश में 30 हजार से ज्यादा नए-सुरक्षित एलएचबी कोचेस बनाए गए हैं। इनके निर्माण में जो हजारों टन स्टील लगा है, अलग-अलग प्रोडक्ट्स लगे हैं, उन्होंने पूरी सप्लाई चेन में रोजगार के हजारों नए अवसर बनाए हैं।

उन्होंने खिलौना उद्योग का भी उदाहरण देते हुए कहा कि दशकों तक, भारतीय बच्चे आयातित खिलौनों से ही खेलते रहे। हमने आयातित खिलौनों के लिए क्वालिटी पैरामीटर तय किए, स्वदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना शुरू किया। 3-4 वर्ष में ही खिलौना उद्योग का कायाकल्प हो गया, जिससे रोजगार के अनेकों नए अवसर तैयार हुए। देश में दशकों तक, ये एप्रोच भी हावी रही कि रक्षा उपकरण सिर्फ आयात किए जा सकते हैं, हमारी सरकार ने इस एप्रोच को भी बदल डाला।

श्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों में मोबाइल फोन निर्माण के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा व उसके लिए प्रोत्साहन देकर भारत ने काफी विदेशी मुद्रा की बचत की है क्योंकि भारत अब स्थानीय मांग को पूरा करने के साथ-साथ मोबाइल हैंडसेट का निर्यात भी कर रहा है। प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन में बुनियादी ढांचे में निवेश की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में 4 गुना वृद्धि हुई है, जिससे रोजगार बढ़े हैं। 2014 से पहले पिछले सात दशकों में, केवल 20 हजार किलोमीटर रेलवे पटरियों का विद्युतीकरण हुआ, जबकि पिछले 9 साल में 40 हजार किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से पहले 600 मीटर प्रति माह से बढ़कर आज 6 किलोमीटर प्रति माह हो गया है।

गैस नेटवर्क 2014 से पहले देश में 70 से कम जिलों तक सीमित था, जबकि आज यह संख्या 630 जिलों तक पहुंच गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की लंबाई में 2014 के बाद 4 लाख किलोमीटर से 7 लाख कि.मी. की वृद्धि देखी गई है। हवाईअड्डों की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर आज 148 हो गई है। उन्होंने हवाईअड्डों के संचालन की रोजगार क्षमता की ओर इशारा किया, साथ ही एयर इंडिया द्वारा विमानों के लिए रिकॉर्ड ऑर्डर व कुछ अन्य कंपनियों की इसी तरह की योजनाओं का भी जिक्र किया। पोर्ट सेक्टर में भी इसी तरह की प्रगति है, क्योंकि कार्गो हैंडलिंग पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है, समय आधा हो गया है। ये विकास बड़ी संख्या में रोजगार पैदा कर रहे हैं। 2014 से पहले जहां देश में 400 से कम मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं। स्नातक मेडिकल सीटें 2014 में 50 हजार से बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई हैं और आज स्नातक होने वाले डॉक्टरों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है। आयुष्मान भारत योजना की वजह से देश में अनेकों नए अस्पताल और क्लीनिक बने हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार जो एफपीओ बना रही है, स्वयं सहायता समूहों को लाखों-करोड़ की मदद दे रही है, स्टोरेज कैपेसिटी का विस्तार कर रही है, उनसे गांव के युवाओं के लिए गांव में ही रोजगार के अवसर बन रहे हैं।

2014 के बाद से देश में 3 लाख से ज्यादा नए कॉमन सर्विस सेंटर्स बने हैं व गांवों में 6 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है, वहीं तीन करोड़ से ज्यादा घर गरीबों को बनाकर दिए गए हैं। इनमें से ढाई करोड़ से ज्यादा घर गांवों में ही बने हैं। बीते वर्षों में गांवों में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय, डेढ़ लाख से ज्यादा हेल्थ व वेलनेस सेंटर्स, हजारों नए पंचायत भवन, इन सभी निर्माण कार्यों ने गांवों में लाखों युवाओं को रोजगार दिया है। आज जिस तरह कृषि क्षेत्र में फार्म मैकेनाइजेशन तेजी से बढ़ा है, उससे भी गांवों में रोजगार के नए मौके बन रहे हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 8 वर्ष पूरे हुए हैं, जिसके तहत 23 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बैंक गारंटी मुक्त ऋण वितरित किए गए हैं और 70 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। इस योजना ने 8 करोड़ नए उद्यमी बनाए हैं। नवनियुक्ति युवाओं से  मोदी ने कहा कि ये अमृतकाल है व देश के विकास में योगदान देने का अवसर है, दूसरों की उम्मीदों को जरूर पूरा करें।

जबलपुर में केंद्रीय मंत्री  तोमर ने कहा कि युवाओं को श्रेष्ठ कार्य, शिक्षा व लगन से शासकीय नियुक्ति का अवसर मिला है, उन्हें शासकीय कार्य पूरी लगन व पारदर्शिता के साथ मिसाल के रूप में करना होगा, जिससे कि देश को सही योगदान मिल सकें। युवाओं का भाव यह होना चाहिए कि अपने दायित्व से ज्यादा देश के लिए क्या कर सकते हैं, उन्हें देश के नवनिर्माण में अपना योगदान देना है। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा युवाओं को रोजगार मेला लगाकर नियुक्ति देने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है, जिससे उनमें नया जोश देखने को मिल रहा है।  तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में देश आज तेजी से आगे बढ़ रहा है, विभिन्न क्षेत्रों की गैप्स को भरने का प्रयत्न किया जा रहा है। देश को आत्मनिर्भर बनाने की सिर्फ बात ही नहीं की जा रही, बल्कि इसका काम भी प्रारंभ हो गया है।

  

 

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