Datia News : दतिया। कृषि उपज मंडियों में मनमाने हालात का असर किसान और वहां काम करने वाले पल्लेदारों पर पड़ने लगा है। जिसके कारण विरोध के स्वर उठ रहे हैं। बुधवार को कम तुलाई दिए जाने के विरोध में इंदरगढ़ कृषि मंडी के पल्लेदारों ने हंगामा कर हड़ताल कर दी। उन्होंने पूरे दिन मंडी में कोई काम नहीं किया।
जिससे किसान और व्यापारी परेशान हुए। पल्लेदारों का आरोप था कि मंडी प्रशासन की मिलीभगत से व्यापारी उनकी मेहनत की कमाई हड़प कर रहे हैं।
दस दिन पहले पल्लेदारों ने अपनी मांगों को लेकर मंडी सचिव एवं तहसीलदार को आवेदन भी दिया था। लेकिन मांगे पूरी नहीं होने पर बुधवार सुबह से पल्लेदार हड़ताल पर रहे।
इस दौरान मंडी कार्यालय के सामने पल्लेदारों ने नारेबाजी करते रहे मंडी प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। पल्लेदारों का कहना था कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती वह हड़ताल पर रहेंगे। पल्लेदारों की हड़ताल को लेकर कोई समाधान नहीं निकलने पर मंडी सचिव अनिल शर्मा ने गुरुवार को मंडी बंद रखने की मुनादी करा दी। जिससे मंडी का काम बंद रहेगा।
व्यापारी काट रहे 20 रुपये, देते हैं 13 रुपये : इधर हड़ताल कर रहे पल्लेदारों का कहना है कि व्यापारी, किसानों से 20 रुपये प्रति क्विंटल तुलाई काटते हैं। जबकि पल्लेदारों को सिर्फ 13 रुपये प्रति क्विंटल देते हैं। पल्लेदारों का आरोप है कि उनके हिस्से की काटी जा रही 7 रुपये मजदूरी व्यापारी और मंडी प्रशासन आपस में बांट लेते हैं। जो गलत है।
इंदरगढ़ कृषि उपज मंडी में करोड़ों रुपये की राशि खर्च होने के बाद भी किसानों व पल्लेदारों को बैठने एवं पीने के लिए पानी तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
पल्लेदारों के लिए बनाए गए कक्ष में व्यापारियों ने अपना वारदाना रखा हुआ है। जिसके चलते गर्मी के मौसम में भी पल्लेदार व किसानों को बाहर खुले में बैठना मजबूरी बन गया है। कई बार मंडी प्रबंधक से कहने के बाद भी इस कक्ष को खाली नहीं कराया गया।