Datia News : दतिया । जैन सिद्धक्षेत्र सोनागिर में कलश यात्रा व ध्वजारोहण के बीच धूमधाम से गाजे बाजे के साथ पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विनम्र सागर महराज, आर्यिका विभाश्री चर्तुविद, मुनिश्री विज्ञसागर व विनय सागर विशेष रुप से मौजूद रहे।
मंगल कलश शोभायात्रा भगवान चंद्रप्रभु के दरबार से शुरू होकर मुख्य मार्गो से होते हुए कार्यक्रम स्थल चौबीस समवशरण भक्ति पूजा तीर्थ पहुंची। शोभायात्रा में सबसे आगे घोड़ों पर युवा जैन ध्वजा लेकर चल रहे थे। इंद्र-इंद्राणियां फूलों से सजी बग्गियों में सवार होकर निकले।
वहीं महिलाएं केसरिया साडियों में मंगल कलश सिर पर रखकर व मंगल गीत गाती हुई चल रही थी। शोभायात्रा पर ड्रोन से फूलों की वर्षा की गई। बैंडबाजों की धुन पर जैन युवक और युवतियां नृत्य कर रहे थे। सौधर्म इंद्रा आकाश जैन बग्गी में भगवान की प्रतिमा लेकर साथ-साथ चले।
आयोजन की जानकारी देते हुए प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि पंचकल्याण महोत्सव का शुभारंभ प्रतिष्ठाचार्य सुरेंद्र कुमार जैन ने किया। वहीं मंत्र उच्चारण के साथ प्रमोद अर्चना जैन परिवार झांसी ने ध्वजारोहण कर भव्य पंडाल एवं मंच का फीता खोलकर शुभारंभ किया। भोपाल से आई विक्की एंड पार्टी द्वारा दी गई भजनों की शानदार प्रस्तुहत पर श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव में डूबकर नृत्य किया।
जीवन में धर्म करने से कर्म में आती है पवित्रता : इस मौके पर आचार्यश्री विनम्र सागर महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहाकि जीवन को परिवर्तन करने के साथ ज्ञान, ध्यान, तप, त्याग संयम की वृद्धि से पापी को पुण्यात्मा बनाने के लिए व इंसान को संत, महंत व भगवंत बनाने के लिए पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की जाती है।
पंचकल्याण प्रतिष्ठा सबसे बड़ा महोत्सव है। जिसमें महापुरुषों के तीर्थंकर के गर्भ से लेकर मोक्ष तक की यात्रा दिखाई जाती है। जीवन में धर्म की प्रतिस्थापना करने से कर्म में पवित्रता आ जाती है और व्यक्ति मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर हो जाता है। भक्ति में शक्ति है और शक्ति से ही मुक्ति संभव है।
पंचकल्याण महोत्सव के प्रतिष्ठाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार जैन उदयपुर, सह प्रतिष्ठाचार्य पंडित विजय कुमार शास्त्री आगरा एवं बह्मचारी प्रदीप पीयूष भैय्या जबलपुर को आंगवस्त्र भेंटकर मालव व साफा पहनाकर आंमत्रित किया गया। प्रतिष्ठाचार्य विद्वानों ने आचार्यश्री के चरणों में श्रीफल भेंटकर मंगल आशीर्वाद लिया।
पंच कल्याणक महोत्सव में इंद्रों ने पीले वस्त्रों को धारण कर भगवान पार्श्वनाथ का जयकारों के साथ अभिषेक किया। दीपक कुमार जैन ने भगवान की शांतिधार की। महिलाओं ने मंगल कलशों के जल से पंडाल की जल से शुद्धि की क्रिया जैन विधि के अनुसार कराई। इसके बाद इंद्रा-इंद्राणियों ने यागमंडल आराधना पूजन किया।
गुरुवार को होंगे भव्य आयोजन : महोत्सव में 6 मई को सुबह 6 बजे से नित्य पूजन, भगवान अभिषेक, शांतिधार, भूमि शुद्धि, प्रवचन, याग विधान एवं रात्रि में गर्भ कल्याणक पर नगर रचना माता की सेवाएं, 16 स्वप्न दर्शन एवं स्वप्नों का फल कार्यक्रम होंगे। महोत्सव में काफी संख्या में जैन श्रद्धालुजन सोनागिर पहुंच रहे हैं।