26 से 30 जनवरी तक रविन्द्र भवन में लोकरंग समारोह : राज्यपाल मंगुभाई पटेल करेंगे शुभारंभ,उत्सव में खास नृत्य प्रस्तुतियाँ


भोपाल  : राज्यपाल  मंगुभाई पटेल रविंद्र भवन में 26 जनवरी,2023 को सायं 7 बजे लोकरंग समारोह का शुभारंभ करेंगे। लोकरंग में संस्कृति पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्रीउषा ठाकुर उपस्थित रहेंगी। प्रमुख सचिव संस्कृति और पर्यटन  शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि संस्कृति विभाग द्वारा 38वां लोकरंग उत्सव 26 से 30 जनवरी तक रवींद्र भवन परिसर, भोपाल में मनाया जायेगा।

शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान के साथ गणतंत्र दिवस परेड में चयनित प्रतिभागियों और झाँकियों के राज्य-स्तरीय पुरस्कार भी प्रदान किये जायेंगे। साथ ही लोकरंग उत्सव में विविध शिल्पों का मेला “हुनर”, कलात्मक दीपकों की प्रदर्शनी “अभ्यर्थना”, कला एवं संस्कृति विषयक पुस्तकों का “पुस्तक मेला”, देशज व्यंजन “स्वाद” प्रदर्शनी, गायन प्रस्तुति पर “लोकराग” भी मुख्य आकर्षण होगा।

प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर लोकरंग का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष लोकरंग का विषय ‘‘विमुक्त एवं घुमन्तू’’ रखा गया है। शुभारंभ पर ‘चरैवेति’ समवेत नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की जायेगी। लोकरंग में यू.के., यूक्रेन और इजिप्ट के तीन विदेशी नृत्य के साथ देश के 12 राज्यों क्रमशः मध्यप्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, झारखण्ड, उड़ीसा, उत्तराखंड, आसाम, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात के घुमन्तू एवं लोक समुदायों के कलाकार नृत्य प्रस्तुतियाँ देंगे।

‘चरैवेति’ समवेत नृत्य नाटिका : शुभारंभ अवसर पर होने वाली ‘चरैवेति’ समवेत नृत्य नाटिका में कालबेलिया समुदाय की जीवन परंपरा, संस्कृति को दिखाया जायेगा। इस नृत्य नाटिका का निर्देशन भोपाल के ख्यात रंगकर्मी और अभिनेता  रामचंद्र सिंह करेंगे। प्रस्तुति में लगभग 100 कलाकार हिस्सेदारी करेंगे। नाटिका में सूत्रधार के रूप में ख्यात अभिनेत्री  हिमानी शिवपुरी रहेंगी। इस नृत्य नाटिका का आलेख योगेश त्रिपाठी-रीवा और अदिति गौड़-भोपाल द्वारा तैयार किया गया है। 27 जनवरी को विशेष रूप से घुमन्तू समुदाय पारधी की ख्यात पण्डवानी गायिका पद्मविभूषण तीजनबाई का गायन होगा। 

 “निस्पन्द”, डेरा प्रदर्शनी, “संवाद” और ‘‘उल्लास’’ होगे प्रमुख आकर्षण : लोकरंग में विमुक्त समुदायों की कला परंपरा से जनसामान्य को अवगत कराने के उद्देश्य से “निस्पन्द”, डेरा प्रदर्शनी, “संवाद” और उल्लास प्रमुख आकर्षण होंगे। विमुक्त समुदायों पर केंद्रित शिविर “निस्पन्द” में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर और उत्तरप्रदेश के घुमन्तू समुदाय के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन और सामग्री का विक्रय करेंगे। उत्सव में पहली बार डेरा प्रदर्शनी संयोजित की जा रही है जिसमें घुमन्तू समुदाय के पारधी, कालबेलिया, बागरी, कुचबंदिया, बेड़िया की जीवन शैली, रहन- सहन को उनके पारंपरिक डेरों के माध्यम से दिखाया जाएगा। घुमन्तू समुदायों के जीवन परंपरा आधारित “संवाद” का आयोजन भी किया जा रहा है। बच्चों के लिये उल्लास श्रृंखला के अंतर्गत घुमन्तू समुदायों के करतब और मनोरंजक खेलों का संयोजन किया जायेगा।  

वर्ष 2021 के राष्ट्रीय सम्मान : वर्ष 2021 के राष्ट्रीय सम्मानों के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान डॉ. श्याम सुंदर दुबे, हटा, राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान सदानन्द गुप्त गोरखपुर, राष्ट्रीय इकबाल सम्मान डॉ. सैयद तक़ी आबदी, हैदराबाद, राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान डॉ. श्रीराम परिहार, खण्डवा और राष्ट्रीय नानाजी देशमुख सम्मान ‘‘जनजाति कल्याण केन्द्र महाकौशल’’, डिंडौरी को दिया जायेगा। इसके साथ ही राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस परेड में चयनित प्रतिभागियों और झांकियों के राज्य स्तरीय पुरस्कार अतिथियों द्वारा प्रदान किये जायेंगे।  

उत्सव में खास नृत्य प्रस्तुतियाँ : लोकरंग में 27 जनवरी,2023 को सायं 07 बजे से देशांतर में यू.के. के नृत्य एवं जनजातीय कार्य विभाग की ओर से नृत्य एवं संगीत की प्रस्तुति दी जायेगी। देशांतर में यूक्रेन के नृत्य एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नृत्य एवं संगीत 28 जनवरी, 2023 और भुट्टे खां एवं साथी, जैसलमेर द्वारा मांगणियार गायन, धरोहर में विभिन्न राज्यों के नृत्य एवं देशांतर में इजिप्ट के नृत्य की प्रस्तुति 29 जनवरी, 2023 को होगी।

महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर पीर पराई जाने रे… में ख्यात सूफी गायक पद्मश्री  भारती बंधु द्वारा 30 जनवरी, 2023 को प्रस्तुति दी जायेगी। साथ ही 27 से 29 जनवरी, 2023 तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से एवं सायं 07 बजे से लम्बाड़ी नृत्य-कर्नाटक, ढिमसा-आन्ध्रप्रदेश, धनगिरिगजा-महाराष्ट्र, ढोलूकुनीथा-कर्नाटक, डोमकच-झारखण्ड, गुड़का नृत्य – उड़ीसा ,भोटिआ नृत्य – उत्तराखण्ड, रावा नृत्य- आसाम, गद्दनाटी नृत्य-हिमाचल प्रदेश, असुर नृत्य-झारखण्ड, बिरहोर नृत्य –झारखण्ड, राई नृत्य-मध्यप्रदेश,भवई नृत्य-राजस्थान, देवार करमा नृत्य- छत्तीसगढ़, चरी-घूमर नृत्य-राजस्थान, वाघेर रास-द्वारका, टिपणी नृत्य-गुजरात, गोटीपुआ-नृत्य एवं अन्य की प्रस्तुति दी जायेगी।

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