दतिया। सेवढ़ा मुख्यालय पर सीएम राइज स्कूल खोले जाने की मांग को लेकर मंगलवार को तहसील में ज्ञापन सौंपने पहुंचे चार सैकड़ा से अधिक लोग उस समय भड़क उठे जब एसडीएम अनुराग निंगवाल उनसे बिना ज्ञापन लिए ही सीधे अपने आफिस में चले गए। जब उन्हें दोबारा बुलाने का प्रयास किया गया तब भी वह बाहर नहीं आए। एसडीएम के इस रवैए पर नाराज युवा और समाजसेवी वर्ग के लोगों ने आक्रोश जताते हुए परिसर को घेरकर एसडीएम मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। नारेबाजी के बीच ही एसडीएम अपने आफिस से उठकर अन्य अधिकारियों के साथ बाजार में रोको टोको अभियान चलाने निकल गए। इसके बाद आक्रोशित लोगों तहसील परिसर में करीब 5 घंटे तक धरना दिया।
सीएम राइज स्कूल खोले जाने की मांग के समर्थन में एक दिन पहले सोमवार को नगर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। इस दौरान गांधी पुस्तकालय में एक बैठक भी आयोजित की गई। जिसमें मंगलवार को एसडीएम को ज्ञापन सौंपना निश्वित हुआ था। जिसके चलते मंगलवार को चार सैकड़ा से अधिक समाजसेवी युवा और आमजन तहसील परिसर में इकट्ठा हुए। जैसे ही एसडीएम अनुराग निंगवाल की गाड़ी आई तो युवाओं ने उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहा, लेकिन एसडीएम बात किए बिना ही सीधे अपने कार्यालय में चले गए । उन्हें दोबारा से बुलाने का प्रयास किया गया, लेकिन 15 मिनट बाद फिर से वह अपनी गाड़ी में तहसीलदार साहिर खान, नायब तहसीलदार के कल्पना सिंह, नरेंद्र यादव के साथ सवार होकर रवाना हो गए ।
5 घंटे के धरना का भी नहीं हुआ असर
गुस्साए युवा करीब 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक तहसील परिसर में ही धरने पर बैठ रहे और एसडीएम के आने का इंतजार करते रहे। लेकिन एसडीएम समेत सभी अधिकारी रोको टोको अभियान बाजार में चलाते रहे, तहसील वापिस नहीं लौटे। अधिकारियों इस रवैए से नाराज लोगों ने एसडीएम निंगवाल को हटाने को लेकर तहसील परिसर व उनके बंगले पर नारेबाजी की। इसके बाद युवाओं ने बुधवार को बाजार बंद रखने के लिए एसडीएम के रीडर को एक सूचना पत्र भी सौंपा। इस धरना प्रदर्शन में नगर के युवा, आमजन और कांग्रेस, भाजपा के नेता भी शामिल रहे।
ज्ञापन न लेने से नाराज छात्र संघ ने बाजार में घूमकर अपना विरोध प्रदर्शित किया और बुधवार को नगर के दुकानदार और व्यापारियों से बाजार को बंद करने की अपील भी की। इस मामले में पूर्व विधायक प्रदीप अग्रवाल ने भी सेवढ़ा पहुंचकर आमजन की मांग का समर्थन किया। उन्होंने मौके से कलेक्टर दतिया को फोन किया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। युवाओं ने आरोप लगाते हुए बताया कि इस धरने के दौरान एसडीएम पूरे दिन तहसील कार्यालय से अनुपस्थित रहे और बंगले में जाकर आराम करते रहे।