CM सोरेन का प्रयास ला रहा रंग : सुओ मोटो म्युटेशन : एक महीने में 99.36 प्रतिशत डीड स्वत !

रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर शुरू हुई सुओ मोटो ऑनलाइन म्युटेशन (स्वत: दाखिल-खारिज) प्रक्रिया अब रंग लाने लगी है। इससे जमीन की रजिस्ट्री होते ही कागजात ऑनलाइन रजिस्ट्री ऑफिस से दाखिल-खारिज के लिए सीधे संबंधित अंचल कार्यालय पहुंच रहे हैं। इसका संदेश भी रजिस्ट्री करानेवाले के मोबाइल पर मैसेज से मिल रहा है। इससे जमीन रजिस्ट्री कराने के बाद दाखिल- खारिज प्रक्रिया में बिचौलियों की घुसपैठ भी खत्म हुई है। आमजन को राहत मिली है।

एक माह में लगभग शत-प्रतिशत स्वतः म्युटेशन
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने एक दिसंबर 2022 को संपूर्ण राज्य में यह व्यवस्था लागू की थी। जिसके तहत अबतक राज्य भर में निबंधित 12,569 डीड में से 12,489 डीड ( कुल 99.36 प्रतिशत) संबंधित अंचलाधिकारी को सुओ मोटो म्युटेशन हेतु भेजे जा चुके हैं। जो डीड तकनीकी कारण से निबंधन कार्यालय से स्वतः अंचल कार्यालय प्रेषित नहीं हुए हैं, उसके लिए संबंधित निबंधन पदाधिकारी के स्तर पर डीड को भेजने हेतु ऑनलाइन पुश बटन (push button) का प्रावधान किया गया है, जिसका उपयोग कर निबंधन पदाधिकारी ऐसे डीड को संबंधित अंचल कार्यालय को भेजेंगे।

पहले होती थी परेशानी
पूर्व में जमीन की रजिस्ट्री के उपरांत म्युटेशन के लिए अलग से आवेदन देना पड़ता था, जिससे लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इन समस्याओं के निराकरण हेतु सरकार द्वारा सम्पूर्ण राज्य में सुओ मोटो म्युटेशन का शुभारंभ किया गया। जिससे निबंधन के समय ही डीड संबंधित अंचलाधिकारी को ऑनलाईन प्रेषित हो जाता है तथा इससे संबंधित एसएमएस डीड के पक्षकार को स्वतः प्रेषित होता है। जमीन रजिस्ट्री करानेवाले को मिले एसएमएस में यह बताया जाता है कि आपका डीड दाखिल- खारिज हेतु संबंधित अंचलाधिकारी को भेज दिया गया है तथा डीड के दाखिल -खारिज हेतु आपको अलग से आवेदन देने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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सुगमता पूर्वक हो रहा कार्य : सुओ मोटो म्युटेशन की प्रक्रिया के शुभारंभ के पश्चात डीड का पीडीएफ अंचलाधिकारियों को एक क्लिक पर सुगमता से भेजा जा रहा है। यदि भेजे गए Meta Data में पक्षकार की जाति अथवा पक्षकार के पिता के नाम आदि से संबंधित त्रुटि रहती है, तो इसके सुधार हेतु संबंधित अंचलाधिकारी के लॉग-इन में सुधार मॉड्यूल (correction module) उपलब्ध कराया गया है। इससे दाखिल -खारिज प्रक्रिया से जुड़ा कार्य आसानी से किया जा रहा है तथा इसकी सतत् निगरानी भी की जा रही है।

 

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