Raipur News : रायपुर (छग) । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोयले की रॉयल्टी दर को बढाने की मांग की है। अधिकारियों ने गत दिवस यह जानकारी दी। राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ आयोजित ऑनलाइन बैठक में छत्तीसगढ़ के हितों से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपना पक्ष रखा।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से छत्तीसगढ़ के हिस्से की कोल ब्लाकों पर लगाई गई अतिरिक्त लेवी (शुल्क) की 4169.86 करोड़ रुपये की राशि छत्तीसगढ़ को जल्द उपलब्ध कराने और कोयले की रॉयल्टी दरों में बढ़ोतरी करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि वर्ष 2014 के बाद कोयले की रॉयल्टी की दरें संशोधित नहीं की गई हैं, जिसके कारण राज्य को राजस्व हानि हो रही है। उन्होंने रॉयल्टी की दर 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय मंत्री से करते हुए कहा कि कोल इंडिया द्वारा हर तीन माह में आधार बिक्री मूल्य घोषित की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को रॉयल्टी से संबंधित विषय को समग्र रूप से देखने की आवश्यकता है, कोयला उत्पादक राज्यों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को जून 2022 से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी, इससे पहले वर्ष लगभग पांच हजार करोड़ रूपये का नुकसान छत्तीसगढ़ को होगा एवं आने वाले वर्षों में यह नुकसान और अधिक बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष भी उठाई है, जिस पर हिमाचल और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सहमति जताई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज बढ़ रही हैं तब कोयले की रॉयल्टी क्यों नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खदानों के साथ उद्योग भी हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ को न तो खदानों से और न ही उद्योगों से फायदा हो रहा है।
बघेल ने कहा कि खदानों के लिए हमारे जंगल और जमीन जाती है और बदले में केवल प्रदूषण बढ़ता है, ऐसे में यह नीति औद्योगिकरण को हतोत्साहित करने वाली साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में छत्तीसगढ़ की विभिन्न कोयला खदानों से संबंधित विषयों को केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखते हुए उनके जल्द निराकरण का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गिधमुरी-पतुरिया कोल ब्लॉक और मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक, लेमरू एलीफेंट रिजर्व के अंतर्गत आने के कारण इन ब्लॉक्स की नीलामी और उत्खनन के लिए विचार नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने कबीरधाम के लौह अयस्क ब्लॉक को छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के लिए आरक्षित रखने का आग्रह भी किया।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री जोशी ने राज्य सरकार द्वारा रखे गए मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।