भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के लिए ‘पंच-प्रण’ सिद्धांत – केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ,युवा, न्यू इंडिया के पथ प्रदर्शक

नई दिल्ली  : केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने जुनून के लिए प्रयास करते हुए भी पहले अपने देश के बारे में सोचें। हैदराबाद में आज बद्रुका कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड आर्ट्स (बीसीसीए) में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किये गए ‘पंच प्रण’ के सिद्धांतों का पालन करते हुए, भारत 2047 तक दुनिया के सबसे विकसित देशों में से एक होगा।“

लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन, जिसमें उन्होंने ‘पंच-प्रण’ (पांच संकल्प) के बारे में बात की थी, को याद करते हुए गोयल ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अगले 25 सालों में भारत को अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के समय तक एक विकसित देश बनाने में योगदान दें।

उन्‍होंने कहा, “एक समय था जब भारत के लोग भोजन, वस्त्र और आवास जैसी जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं के बारे में चिंतित थे। लेकिन हर एक नागरिक के पास बिजली, रसोई गैस, स्वच्छ पानी, इंटरनेट कनेक्टिविटी, शौचालय, सड़क संपर्क के साथ एक अच्छा घर सुनिश्चित करके लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर मोदी सरकार के अथक ध्यान ने देशवासियों को आकांक्षी बनने के लिए सशक्त बनाया है।

 गोयल ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन जैसे केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रमुख कल्याण कार्यक्रमों ने गरीबों की मदद की है। खाद्य सुरक्षा कल्याण योजना (पीएमजीकेएवाई), जिसे कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू किया गया था, ने “आजीविका की स्थिरता सुनिश्चित करने के अलावा, समाज के सबसे निचले तबके” को लाभान्वित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले 30 वर्षों के दौरान डॉलर के संदर्भ में 11.8 गुना बढ़कर 300 अरब डॉलर से आज 3.5 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है।

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गोयल ने पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि विचारों, महत्वाकांक्षाओं और दक्षता की शक्ति वाले युवाओं के माध्यम से भारत को बदलने के बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

अपने जुनून के लिए प्रयास करेंलेकिन हमेशा ‘इंडिया फर्स्ट‘ याद रखें” –पीयूष गोयल

उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता के 100 वर्षों की ओर ले जाने वाला यह अमृतकाल, इस यात्रा में सहभागियों के रूप में हमारी पीढ़ियों के भविष्य का निर्धारण करेगा। इस देश के छात्रों और युवाओं के रूप में आप पर अधिक जिम्मेदारी है।

 पीयूष गोयल ने सेठ घासीराम गोपीकिशन बद्रुका एजुकेशनल सोसाइटी (स्थापित 1950) तथा बद्रुका कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड आर्ट्स (बीसीसीए) के योगदान की सराहना की, जिनके द्वारा छात्रों को समाज में अच्छे नागरिक और भविष्य के अग्रणी व्यक्तियों के रूप में परिवर्तित किया गया है, जिनकी इस अमृत्काल में देश को जरूरत है। कार्यक्रम में सचिव, एसजीजीबीईएस; प्राचार्य बीसीसीए; चेयरमैन; एसजीजीबीईएस के महानिदेशक तथा बीसीसीए के छात्र उपस्थित थे।

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