पिज्जा कंपनी पर महिला ने ठोका 1 करोड़ का दावा, वेज की जगह नॉनवेज पिज्जा भेजना पड़ा भारी

दिल्ली ।  वेज की जगह नॉनवेज वाला पिज्जा देने वाली कंपनी पर एक करोड़ का मुकदमा ठोके दिए जाने के बाद कंपनी प्रबंधन सकते में आ गया है। इस गलती की इतनी बढ़ी कीमत चुकाने के लिए पिज्जा मंगाने वाली महिला ने कंपनी पर हर्जाने के रूप में यह मामला दायर किया है। फिलहाल इसे लेकर जहां कंपनी प्रबंधन में परेशानी में पड़ गया है, वहीं इतनी बड़ी राशि हर्जाने के रूप में मांगने के वाक्ये ने सोशल मीडिया पर चर्चाएं छेड़ दी है।

दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक कंपनी को महिला को वेज (शाकाहारी) की जगह नॉनवेज (मांसाहारी) पिज्जा देना भारी पड़ गया है। अब महिला ने कंपनी पर धार्मिक भावना को आहत करने का आरोप लगाते हुए 1 करोड़ रुपये के हर्जाने का मुकदमा ठोक दिया है। गाजियाबाद में एक शाकाहारी महिला ने एक अमेरिकी रेस्टोरेंट में वेज पिज्जा ऑर्डर किया था। लेकिन उन्होंने गलती से नॉनवेज पिज्जा भेज दिया। अब महिला ने धार्मिक भावना को आहत करने का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता अदालत में कंपनी के खिलाफ 1 करोड़ रुपये हर्जाना देने का दावा कर दिया है।

महिला ने कहा कि उसकी धार्मिक भावना आहत हुई है और इसकी क्षति को कम करने के लिए उसे कठोर और महंगे अनुष्ठानों से गुजरना होगा। समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपाली त्यागी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि वह अपनी धार्मिक मान्यताओं, शिक्षाओं, पारिवारिक परंपराओं, खुद के विवेक और अपनी पसंद से शुद्ध शाकाहारी हैं और नॉनवेज पिज्जा खाने के बाद उन्होंने पिज्जा खाना ही बंद कर दिया है। मामला करीब दो साल पुराना 21 मार्च 2019 का है। दीपाली ने होली मनाने के बाद परिवार के लिए गाजियाबाद में पिज्जा आउटलेट से शाकाहारी पिज्जा के लिए ऑर्डर दिया था।

काफी देर के बाद जब पिज्जा दिया गया तो उन्होंने देरी को नजरअंदाज करते हुए पिज्जा का एक टुकड़ा खा लिया। बाइट लेने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि मशरूम के बजाय पिज्जा में मांस के टुकड़े थे, दीपाली के वकील फरहत वारसी ने उपभोक्ता अदालत को बताया कि दीपाली ने तुरंत ग्राहक सेवा अधिकारी को फोन किया और वेज पिज्जा की जगह घर में नॉन-वेज पिज्जा देने की लापरवाही पर शिकायत की।

कुछ दिनों बाद, पिज्जा आउटलेट के एक प्रबंधक ने दीपाली को फोन किया और शिकायतकर्ता के पूरे परिवार को मुफ्त में पिज्जा देने का वादा किया। हालांकि, शिकायतकर्ता ने उसे फिर से कहा कि यह मामला छोटी सी गलती का नहीं है क्योंकि कंपनी ने धार्मिक विश्वासों और प्रथाओं को चोट पहुंचाई थी। शिकायतकर्ता के वकील का दावा है कि इससे उनके क्लाइंट को स्थायी मानसिक पीड़ा हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब उन्हें कई लंबे और महंगे अनुष्ठान करने होंगे। जिसके लिए उसे अपने पूरे जीवन के दौरान लाखों रुपये खर्च करने होंगे।

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