दतिया। तेज बारिश के कारण गुरुवार-शुक्रवार की रात इंदरगढ़ अस्पताल के पीएम हाउस में एक फुट तक पानी भर जाने के कारण वहां पोस्टमार्टम के लिए रखा शव पानी में उतराने लगा। करीब 6 घंटे तक शव पानी मंे ही पड़ा रहा। शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे जब मृतक के स्वजन पीएम हाउस पहुंचे तो वहां शव पानी उतरता देख भड़क उठे। अस्पताल स्टाफ की इस लापरवाही को लेकर उन्होंने वहां हंगामा खड़ा कर दिया।
हंगामा बढ़ता देख अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और तत्काल स्टाफ को भेजकर पीएम हाउस से शव को बाहर निकलवाकर उसे दूसरे कमरे में सुरक्षित रखवाया गया। अस्पताल प्रबंधन की इस गंभीर लापरवाही को लेकर काफी देर तक अस्पताल का माहौल हंगामेदार बना रहा।
जानकारी के अनुसार गुरुवार को देर शाम करीब 7.30 बजे इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र पर पीएम के लिए दो शव लाए गए थे। जिनमें एक शव खड़ौआ निवासी नरेंद्र प्रजापति पुत्र राजाराम प्रजापति 20 का था। जिसकी मौत नहर के पास करंट लगने से डूब जाने से हो गई थी।
उक्त युवक का शव लांच पुलिस अस्पताल लेकर आई थी। वहीं दूसरा शव धीरपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम थैली गुरुवार शाम चितारी जिला शिवपुरी निवासी अमजद खान पुत्र आसीन खान 35 वर्ष का था। जिसने अपनी ससुराल में बबूल के पेड़ से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
मृतक अमजद पिछले माह शिवपुरी के चितारी ग्राम में आई बाढ़ में अपना सब कुछ नष्ट हो जाने के बाद अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ ग्राम थैली में ससुराल में रहने लगा था। धीरपुरा पुलिस ने मृतक अमजद का शव भी पीएम के लिए इंदरगढ़ अस्पताल भिजवाया था। रात हो जाने के कारण दोनों शव अस्पताल के पीएम हाउस में स्टाफ द्वारा रखवा दिए गए। पीएम हाउस में एकमात्र पत्थर की टेबिल होने के कारण।
एक शव टेबिल पर और दूसरा वहां नीचे फर्श पर ही रख दिया गया था। देर रात अचानक हुई तेज बारिश के कारण पीएम हाउस में लबालब पानी भर गया और फर्श पर रखा शव पानी में उतराने लगा। करीब 6 घंटे तक शव पानी मंे ही पड़ा रहा। अस्पताल स्टाफ की ओर से उसे सुरक्षित रखवाने की जिम्मेदारी नहीं निभाई गई। सुबह जब मृतक के स्वजन पीएम हाउस पहुंचे तो उन्होंने शव को पानी में पड़ा देखा। जिससे स्वजन भड़क उठे।
पानी में खड़े होकर चिकित्सकों ने किया पीएम
पीएम हाउस में पानी भरा होने के कारण चिकित्सकों को पानी में खड़े होकर दोनों शवों का पीएम करना पड़ा। डा.अवनीश ित्रपाठी एवं डा. सुनील वर्मा द्वारा एक फुट पानी में खड़े रहकर पीएम किया गया। वहीं पीएम में देरी को लेकर भी स्वजन आक्रोशित थे। उनका आरोप था कि अस्पताल स्टाफ पीएम समय पर करने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतता रहा। इस मामले में बीएमओ का कहना था कि पुलिस की ओर से पीएम फार्म समय पर नहीं भेजे जाने के कारण पीएम में देरी हुई। पीएम फार्म ही 10 बजे तक मिल सके। जिसके कारण दोपहर 1 बजे तक शवों के पीएम किए जा सके।
शव उठाने के लिए नहीं मिल सकी स्ट्रेचर
अस्पताल में अव्यवस्थाओं का इतना आलम है कि वहां शव को उठाने के लिए स्ट्रेचर तक स्वजनों को नहीं मिल सकी। जिसके कारण पीएम हाउस से शव को बाहर खींचकर निकालना पड़ा। उसके बाद किसी तरह स्वजन और स्टाफ ने मिलकर उसे दूसरे कमरे में सुरक्षित रखा।