शिमला : आजाद हिंदुस्तान के पहले वोटर श्याम शरण नेगी क शनिवार को 106 साल की उम्र में निधन हो गया. वो पेशे से टीचर रहे श्याम शरण नेगी ने किन्नौर जिले के कल्पा में अपने घर में शुक्रवार देर रात अंतिम सांस ली. श्याम शरण ने अपने घर से पहली बार बैलेट पेपर से 14वीं विधानसभा के लिए मतदान किया था। श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917) को कल्पा, हिमाचल प्रदेश में हुआ था वो पेशे से एक सेवानिवृत्त स्कूली शिक्षक थे।
श्याम शरण नेगी के पार्थिव शरीर को शनिवार को तिरंगे में लपेटकर शोंगठोंग स्थित सतलुज किनारे श्यमशान घाट तक ले जाया गया। जहां पर राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। जहा लोगो ने उनको आखिरी विदाई दी।
जिन्होंने 1951 के आम चुनाव में भारत में पहला वोट डाला था और यह उस वक़्त का देश का पहला चुनाव भी था। आम तौरो पर हिमाचल प्रदेश में चुनाव पांच महीने पहले ही हो जाते है क्योंकि वहां का मौसम फरवरी और मार्च में खराब हो जाता है और उस अवधि के दौरान भारी बर्फबारी होती। नागरिकों के लिए मतदान केंद्रों तक पहुंचना एक मुश्किल बरा सफर होता है।
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नेगी ने पहला वोट 25 अक्टूबर 1951 को डाला था। उन्होंने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है, और माना जाता है कि वे भारत के सबसे पुराने मतदाता थे। श्याम सरन नेगी ने एक हिंदी फिल्म “सनम रे” में भी विशेष भूमिका निभाई थी।
स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं।
उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी।
ॐ शांति!
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) November 5, 2022
PM मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके नेगी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने श्याम सरन नेगी की सराहना की और उन्हें देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की एक अहम कड़ी बताया। उन्होंने लिखा कि नेगी का वोट डालने के प्रति उत्साह हमारे युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करता है।
जानिए नेगी कैसे बने थे पहले मतदाता
दरअसल बात उस समय की है जब भारत का पहला चुनाव फरवरी 1952 में हुआ लेकिन हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम की वजह से सर्दियों के दौरान मतदान कराना असंभव था। ऐसे में वहां मतदान 23 अक्टूबर 1951 को पांच महीने पहले हो गया। तब श्याम शरण नेगी स्कूल टीचर थे और चुनावी ड्यूटी पर भी थे।
इसके कारण वे अपना वोट डालने सुबह सात बजे किन्नौर में कल्पा प्राथमिक स्कूल में अपने मतदान केंद्र पर पहुंच गए। माना जाता है कि श्याम शरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला और वो इतिहास में आजाद हिंदुस्तान के पहले वोटर बन गए।