Kerala News : केरल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में 8800 करोड़ रुपये की लागत वाले विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय डीपवाटर बहुउद्देशीय बंदरगाह को राष्ट्र को समर्पित किया। भगवान आदि शंकराचार्य की जयंती के शुभ अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व सितंबर में उन्हें आदि शंकराचार्य के पवित्र जन्मस्थान का दौरा करने का सौभाग्य मिला था।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा उनके संसदीय क्षेत्र काशी में विश्वनाथ धाम परिसर में स्थापित की गई है। उन्होंने बल देकर कहा कि यह स्थापित की गई प्रतिमा आदि शंकराचार्य के विशाल आध्यात्मिक ज्ञान और शिक्षाओं के प्रति सम्मान है।

उन्होंने आगे प्रकाश डाला कि उन्हें उत्तराखंड के पवित्र केदारनाथ धाम में आदि शंकराचार्य की दिव्य प्रतिमा का अनावरण करने का भी सम्मान मिला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज एक और विशेष अवसर है, क्योंकि केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने रेखांकित किया कि केरल से निकलकर आदि शंकराचार्य ने देश के विभिन्न भागों में मठों की स्थापना करके राष्ट्र चेतना को जगाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके प्रयासों ने एकीकृत और आध्यात्मिक रूप से प्रबुद्ध भारत की नींव रखी।
मोदी ने कहा कि एक तरफ अपार संभावनाओं से भरपूर विशाल समुद्र है, तो दूसरी तरफ प्रकृति की मनमोहक सुंदरता इसकी भव्यता में चार चांद लगा रही है। इन सबके बीच, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विझिंजम डीप-वाटर सी पोर्ट अब नए युग के विकास का प्रतीक बन गया है। उन्होंने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए केरल और पूरे देश के लोगों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कि विझिंजम डीप-वाटर सी पोर्ट को 8,800 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है, कहा कि आने वाले वर्षों में इस ट्रांसशिपमेंट हब की क्षमता तीन गुनी होगी,जिससे दुनिया के कुछ सबसे बड़े मालवाहक जहाजों का आसानी से आगमन हो सकेगा।
उन्होंने बताया कि भारत के 75 प्रतिशत ट्रांसशिपमेंट संचालन पहले विदेशी बंदरगाहों पर किए जाते थे, जिससे देश को राजस्व का बड़ा नुकसान होता था। इस बात पर जोर देते हुए कि अब यह स्थिति बदलने वाली है, उन्होंने बल देकर कहा कि भारत का पैसा अब भारत की सेवा करने में लगेगा और जो धनराशि कभी देश से बाहर जाती थी, वह अब केरल और विझिंजम के लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पैदा करेगी।
इस बंदरगाह से मिलेगा यह लाभ : 8,800 करोड़ रुपये की लागत वाला विझिंजम अंतर्राष्ट्रीय डीप-वाटर बहुउद्देशीय बंदरगाह देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है, जो विकसित भारत के एकीकृत विजन के हिस्से के रूप में भारत के समुद्री क्षेत्र में हो रही परिवर्तनकारी प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है।
रणनीतिक महत्व वाले विझिंजम बंदरगाह को एक प्रमुख प्राथमिकता परियोजना के रूप में पहचाना गया है, जो वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने, रसद दक्षता को बढ़ाने और कार्गो ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करने में योगदान देगा।
लगभग 20 मीटर का इसका प्राकृतिक डीप ड्राफ्ट और दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार मार्गों में से एक के पास इसका स्थान वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को और मजबूत करता है।