पीएम मोदी ने किया आईटीयू सम्मेलन-मोबाइल कांग्रेस का उद्घाटन : 190 से अधिक देश ले रहे हिस्सा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने  नई दिल्ली के भारत मंडपम में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ – विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 2024 का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मोदी ने 8वें इंडिया मोबाइल कांग्रेस का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी, आईटीयू की महासचिव  डोरेन बोगदान-मार्टिन, विभिन्न देशों के मंत्रियों एवं गणमान्य व्यक्तियों, उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों, दूरसंचार विशेषज्ञों, स्टार्टअप जगत के युवाओं तथा डब्ल्यूटीएसए और इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) में उपस्थित लोगों का स्वागत किया। आईटीयू के गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए  मोदी ने पहली डब्ल्यूटीएसए बैठक के लिए भारत को गंतव्य-स्थल के रूप में चुनने के लिए उनका धन्यवाद किया और उनकी सराहना की।

मोदी ने कहा, “जब दूरसंचार और इससे संबंधित प्रौद्योगिकियों की बात आती है, तो भारत सबसे अधिक गतिविधि वाले देशों में से एक है।” भारत की उपलब्धियों के बारे में  मोदी ने कहा कि भारत में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की संख्या 120 करोड़ है, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 95 करोड़ है और देश में वास्तविक समय में पूरी दुनिया के 40% से अधिक डिजिटल लेनदेन होते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत ने यह दिखा दिया है कि डिजिटल संपर्क अंतिम व्यक्ति तक सुविधा उपलब्ध कराने का एक प्रभावी साधन बन गई है। उन्होंने वैश्विक दूरसंचार मानक पर और वैश्विक भलाई के लिए दूरसंचार के भविष्य पर चर्चा करने के लिए भारत को गंतव्य-स्थल के रूप में चुनने के लिए सभी को बधाई दी।

डब्ल्यूटीएसए और इंडिया मोबाइल कांग्रेस के संयुक्त आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूटीएसए का उद्देश्य वैश्विक मानकों पर काम करना है, जबकि इंडिया मोबाइल कांग्रेस की भूमिका सेवाओं से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि आज का आयोजन वैश्विक मानकों और सेवाओं को एक मंच पर लाता है। गुणवत्तापूर्ण सेवा और मानकों पर भारत के विशेष ध्यान पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूटीएसए का अनुभव भारत को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि डब्ल्यूटीएसए आम सहमति के माध्यम से दुनिया को सशक्त बनाता है, जबकि इंडिया मोबाइल कांग्रेस संचार-संपर्क के माध्यम से दुनिया को मजबूत बनाती है। मोदी ने कहा कि इस आयोजन में आम सहमति और संपर्क का समन्वय है। उन्होंने आज के संघर्ष से ग्रस्त विश्व में संयोजन की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के अमर संदेश के माध्यम से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख किया और ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के संदेश को प्रसारित करने की बात कही। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत दुनिया को संघर्ष से बाहर निकालने और उसे जोड़ने में लगा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा, “चाहे वह प्राचीन रेशम मार्ग हो, या आज का प्रौद्योगिकी मार्ग, भारत का एकमात्र मिशन दुनिया को जोड़ना और प्रगति के नए द्वार खोलना है।” ऐसे में, डब्ल्यूटीएसए और आईएमसी की यह साझेदारी एक बड़ा संदेश है, जहां स्थानीय और वैश्विक, दोनों मिलकर न केवल एक देश को, बल्कि पूरी दुनिया को लाभ पहुंचाते हैं।

 मोदी ने कहा, “21वीं सदी में भारत की मोबाइल और दूरसंचार यात्रा पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है।” उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल और दूरसंचार को दुनिया भर में एक सुविधा के रूप में देखा जाता है, लेकिन भारत में दूरसंचार केवल संपर्क का माध्यम नहीं है, बल्कि समानता और अवसर का माध्यम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक माध्यम के रूप में दूरसंचार आज गांवों और शहरों, अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने में मदद कर रहा है। एक दशक पहले, डिजिटल इंडिया के विजन पर अपनी प्रस्तुति को याद करते हुए  मोदी ने कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत को कई हिस्सों के बजाय समग्र दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना होगा। 

मोदी ने डिजिटल इंडिया के चार स्तंभों – कम कीमत वाले उपकरण, देश के हर कोने में डिजिटल संचार-संपर्क की व्यापक पहुंच, आसानी से सुलभ डेटा और ‘डिजिटल फर्स्ट’ का लक्ष्य की बात कही, जिनकी पहचान की गयी और इन पर एक साथ काम किया गया, जिससे अच्छे परिणाम सामने आए।

प्रधानमंत्री ने संचार-संपर्क और दूरसंचार सुधारों में भारत की परिवर्तनकारी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि कैसे देश ने दूरदराज के जनजातीय, पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों में हजारों मोबाइल टावरों का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, जिससे हर घर में संचार-संपर्क सुविधा सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरे देश में मोबाइल टावरों का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है। प्रधानमंत्री ने अवसंरचना में हुई उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया, जिसमें रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई सुविधाओं की तेजी से स्थापना तथा अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप जैसे द्वीपों को समुद्र के भीतर बिछे केबल के माध्यम से जोड़ना शामिल है। उन्होंने कहा, “केवल 10 वर्षों में, भारत ने जो ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, उसकी लंबाई पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से आठ गुनी है।” 

मोदी ने भारत द्वारा 5जी तकनीक को तेजी से अपनाने का उल्लेख किया और कहा कि 5जी तकनीक दो साल पहले शुरू की गई थी और आज लगभग हर जिला इससे जुड़ा हुआ है, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5जी बाजार बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत पहले से ही 6जी तकनीक की ओर बढ़ रहा है, जिससे भविष्य के लिए तैयार अवसंरचना सुनिश्चित होती है।

दूरसंचार क्षेत्र के सुधारों पर चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने डेटा लागत को कम करने में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों की तुलना में भारत में इंटरनेट डेटा की कीमत अब 12 सेंट प्रति जीबी तक किफायती है, जबकि अन्य देशों में प्रति जीबी डेटा 10 से 20 गुना अधिक महंगा है। उन्होंने कहा, “आज, प्रत्येक भारतीय हर महीने औसतन लगभग 30 जीबी डेटा का उपभोग करता है।“

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