नई दिल्ली. राज्यसभा के 4 सदस्यों का कार्यकाल ख़त्म होने पर विदाई भाषण के वक़्त प्रधानमंत्री हुए भावुक कहा सदस्यों को सिर्फ अपने दल की ही नहीं बल्कि देश और सदन का भी रखा है ख़्याल। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद समेत 4 सदस्यों के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है। पीएम ने सदस्यों की विदाई पर सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गुलाम नवी आज़ाद ने न सिर्फ अपने दल की चिंता बल्कि पूरे सदन और देश की चिंता की। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार भावुक भी हुए।
नरेंद्र मोदी ने एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार आतंकियों ने हमला कर दिया, करीब आठ लोग मारे गए थे. यह घटना उस समय की जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी हमले में गुजरात के कई लोग मारे गए थे. प्रधानमंत्री ने सदन को बताया कि इस घटना पर सबसे पहले गुलाम नबी साहब ने ही उन्हें इस घटना को लेकर फोन किया था. उन्होंने बताया कि आजाद साहब को गुजरात के लोगों की वैसी चिंता थी जैसे अपने परिवार के लोगों के बारे में होती है.
पीएम मोदी ने कहा, ‘फोन पर उनके आंसू रुक नहीं रहे थे. उस समय प्रणब मुखर्जी साहब रक्षा मंत्री थे. मैंने उनको फोन किया. मैंने कहा कि साब अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए, डेड बॉडी को लाने के लिए, देर रात हो गई थी.
प्रणब मुखर्जी सहाब ने कहा कि आप चिंता मत किजिए, मैं व्यवस्था कर रहा हूं. लेकिन रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया. वे एयरपोर्ट पर थे.इस घटना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री खुद पर कंट्रोल (PM Modi gets emotional) नहीं कर पाए और उनकी आंखें नम हो गई. गले में शब्द फंस कर रह गए. उन्होंने कई बार पानी पिया. अपनी बात आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘एयरपोर्ट से ही उन्होंने मुझे फोन किया और जैसे अपने परिवार के सदस्य की चिंता करेंगे, वैसी चिंता…. प्रधानमंत्री ने कहा पद और सत्ता जीवन में आते रहते हैं लेकिन उसे कैसे पचाना है….और इसके बाद पीएम मोदी ने गुलाम नबी आजाद की तरफ देखते हुए सैल्यूट किया.