रायपुर : ब्राह्मण समाज पर विवादित टिप्पणी के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल के खिलाफ रायपुर में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) दर्ज की गई है।
छत्तीसगढ़ में ब्राम्हण समाज ने आक्रोश दिखाते हुए प्राथमिकी की मांग की जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़े शब्दों में कहा कि उनकी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, फिर चाहे वह मुख्यमंत्री के 86 साल के पिता ही क्यों न हो।
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद नंदकुमार बघेल पर रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय (डीडी) नगर थाने में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की धारा 153-ए और 505 (1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बता दें, नंदकुमार बघेल ने बीते माह लखनऊ में ब्राह्मणों पर विवादित बयान दिया था।
तीन साल तक की सजा का प्रविधान: भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 153-ए धर्म, जाति, रंग आदि के आधार पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्यता फैलाने या किसी वर्ग को उकसाने के वाले बयानों या लेखों से संबंधित है। आरोप साबित होने पर तीन साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों लगाए जा सकते हैं।
धारा 505(1)(बी) के तहत भी समाज में वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने की नीयत से दिया गया बयान या लेख आदि आते हैं। इसमें भी तीन साल की सजा या जुर्माना या दोनों एक साथ दिए जा सकते हैं। सीएम ने लिया संज्ञान: इस मामले में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विगत दिनों उनके पिता नंदकुमार बघेल द्वारा एक वर्ग विशेष के विरुद्ध की गई टिप्पणी उनके संज्ञान में आई है।
उनकी इस टिप्पणी से समाज के एक वर्ग की भावनाओं और सामाजिक सद्भाव को ठेस लगी है। बयान से उन्हें भी दुख हुआ है। मुख्यमंत्री ने रविवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मुझे इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों से यह पता चला कि नंदकुमार बघेल पर इसलिए कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि वह मुख्यमंत्री के पिता हैं।
कहा कि, उनकी सरकार सभी को एक ही दृष्टि से देखती है। उनके पिता नंदकुमार बघेल से उनके वैचारिक मतभेद शुरू से हैं। हमारे राजनीतिक विचार व मान्यताएं भी अलग-अलग हैं।
एक पुत्र के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को माफ नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो। इस संबंध में पुलिस विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। बता दें, नंदकुमार बघेल अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं।
उनकी एक किताब को छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रतिबंधित कर रखा है। नंदकुमार बघेल ने यह कहा था: सर्व ब्राह्मण समाज ने शिकायत में कहा है कि बीते महीने सामाजिक कार्यकर्ता नंदकुमार बघेल ने लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि जिसका वोट, उसी की सरकार..।
ब्राह्मण विदेशी हैं, जिस तरह अंग्रेज यहां से गए, वे भी यहां से जाएंगे। ब्राह्मण सुधर जाएं या तो जाने के लिए तैयार रहें। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों से इसलिए नाराजगी है कि वह विदेशी हैं और हमें अछूत मानते हैं। हमारे सारे अधिकार छीन रहे हैं। गांवों में भी अभियान चलाकर उनका बहिष्कार करेंगे।


