राजनीति : आगरा पहुंची प्रियंका को पुलिस ने लिया हिरासत में, कुछ देर बाद मिली पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत

आगरा : पुलिस अभिरक्षा में सफाई कर्मी की मौत को लेकर पीड़ित परिवार से मिलने आगरा पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को एक बार फिर पुलिस हिरासत में ले लिया गया। हांलाकि कुछ देर बाद हंगाम बढ़ता देख उन्हें मृतक के परिवार से मिलने जाने की इजाजत दे दी गई।

पुलिस का कहना था कि धारा 144 लगी होने के कारण यह कार्रवाई की गई है। वाल्मीक जयंती के दिन ही एक वाल्मीक की मौत का मामला पूरे दिन उप्र में गर्माया रहा। प्रियंका गांधी को पुलिस हिरासत में लिए जाने पर कांग्रेस की ओर से ट्वीट कर सवाल खड़े किए गए कि एक तरफ पीएम मोदी कुशीनगर में सभा करते हैं, वहीं दूसरी तरफ न्याय की आवाज उठाने के लिए आगरा जा रही प्रयंका गांधी को हिरासत में लिया जाता है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति गर्म हो गई है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 17 दिनों के भीतर दूसरी बार पुलिस ने हिरासत में लिया है। ताजा मामला आगरा में पुलिस कस्टडी में मृत सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत का है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए आगरा जा रही थीं, लेकिन आगरा एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा पर उन्हें रोक लिया गया। लखनऊ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।

इससे पहले 3 अक्टूबर को भी लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में पीड़ित परिवार से मुलाकात करने की कोशिश के दौरान भी पुलिस ने प्रियंका को करीब 30 घंटे हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि, उसी दिन उन्हें रिहा कर दिया गया था।पुलिस की कार्रवाई पर प्रियंका ने कहा कि किसी की मौत पर उनके घर के परिजनों से मुलाकात करने दिए जाने से लॉ एंड ऑर्डर कैसे बिगड़ सकता है?

आप लोगों को खुश करने के लिए क्या मैं लखनऊ के गेस्ट हाउस में आराम से बैठी रहूं। किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? प्रियंका ने कहा कि जहां जाती हूं वहीं रोक देते हैं, क्या गेस्ट हाउस में बैठ जाऊं।

पुलिस की कार्रवाई पर इस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से धक्का-मुक्की और झड़प भी हुई। एसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने लखनऊ और आगरा में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया। कहा कि वहां जाने से लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है।
यह है पूरा मामला

रविवार की सुबह थाना जगदीश पूरा के दीवान प्रताप भान सिंह थाने के बाहर चाय पीने गए थे। जब वह वापस आए तो उन्हें वहां कुछ अनहोनी की आशंका हुई।

जांच करने पर मालखाने से चार दिन पहले रेलवे ठेकेदार के घर चोरी के खुलासे में बरामद 25 लाख रुपये गायब होने की जानकारी मिली। एडीजी ने लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी अनुप कुमार तिवारी, दीवान प्रताप भान सिंह और एक दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

जिस तरह से थाने में चोरी हुई थी, उससे थाने में रोज आने वालों पर शक जा रहा था। 20 से अधिक लोगों से पूछतांछ के बाद सफाईकर्मी लोहामंडी निवासी अरुण पर पुलिस को शक गहराया। वह वारदात के बाद से थाने नहीं आ रहा था। वह थाने में सफाई करने आता था।

पुलिस ने उसके घर दबिश दी तो घर पर 15 लाख रुपए मिले थे। परिजन पैसे के बारे में जानकारी नहीं दे पा रहे थे। पुलिस ने उसके दोनों भाइयों को थाने पर बिठा लिया था। आरोपी सफाईकर्मी की मंगलवार रात पुलिस कस्टडी में मौत हो गई।

सफाई कर्मचारी को मंगलवार शाम पुलिस ने हिरासत में लिया था।
सफाई कर्मी की मौत के बाद बवाल की आशंका के चलते थाना जगदीशपुरा को छावनी बना दिया गया है। इस प्रकरण में अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। पोस्टमार्टम हाउस पर परिजनों ने हंगामा किया।

सफाईकर्मी का भाई पुलिस टीम के साथ उसे संभावित जगहों पर तलाश कर रहा था। मंगलवार को ताजगंज वाल्मीकि बस्ती में आरोपी के होने की सूचना आई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो के अनुसार अरुण ने भेष बदलने के लिए बाल मुंडवा लिए थे।

देर रात पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई है।पुलिस ने उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं, बवाल की आशंका को देखते हुए जगदीशपुरा थाने पर फोर्स तैनात कर दिया गया है। दूसरे जिलों से भी पुलिसकर्मियों को बुलाया गया।

सपा ने योगी सरकार को घेरा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है।उन्होंने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए लिखा कि भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई। फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है। हत्यारे पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्रवाई हो।

मानवाधिकार आयोग गाइड लाइन से होगी जांच

एसएसपी मुनिराज के अनुसार पूछतांछ के दौरान उसने चोरी की वारदात कबूल की थी। उसके पास से 15 लाख रुपये भी बरामद हुए। अचानक उसकी तबीयत खराब हुई। परिजनों के साथ पुलिस उसे एसएन मेडिकल कालेज ले गई, जहां उसकी मौत हो गई। एसएसपी ने बताया कि एक इंस्पेक्टर, एक दरोगा और तीन सिपाही सस्पेंड किए गए हैं। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी होगी। मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के तहत जांच होगी।

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