नई दिल्ली : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने असम के ढुबरी और कोकराझार के प्रशासन से पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में वहां से असम भागकर आए बच्चों पर एक रिपोर्ट मांगी है। इसमें इन बच्चों की तादाद के साथ उन पर हुए अत्याचार का ब्योरा मांगा गया है ताकि उस आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राष्ट्रीय बाल आयोग को एक पत्र लिखकर इस बारे में जिला मजिस्ट्रेट के जरिये पीड़ित बच्चों के बयान दर्ज कराने को कहा है।
ऐसे सभी मामलों में जीरो एफआइआर दर्ज करने को कहा गया है। इन बच्चों की पहचान को भी सार्वजनिक करने को ही कहा गया है। ऐसा करते हुए पीड़ित बच्चों की पहचान गुप्त रखने की भी हिदायत दी गई है। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले का संज्ञान लिया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में टीम गठित कर स्पाट जांच करने का आदेश दिया।

बच्चों को निशाना बनाने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी थी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिकायत के आधार पर राज्य में चुनाव बाद हिंसा से बच्चों के प्रभावित होने का मुद्दा उठाया और इसकी जांच की मांग की।
पश्चिम बंगाल में सोमवार को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें संघर्ष के दौरान भाजपा के कई कार्यकर्ता घायल हो गए और कई की मौत हो गई। वहीं केंद्र सरकार ने इन घटनाओं पर और विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद तीन मई को हुई हिंसा में लोगों के मरने संबंधी कई खबरें मीडिया में आई हैं। एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने एक पत्र में कहा कि राज्य में चुनाव परिणाम की अंतिम तारीख दो मई थी। इसके बाद से राज्य में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं, जिससे लोगों के लिए खतरा पैदा हुआ है और उन्हें खतरा है, खास तौर से बच्चों को. आयोग ने अपने पत्र के साथ उसे मिली शिकायत की एक कॉपी भी भेजी है।
