नई दिल्ली । 12वीं की बोर्ड परीक्षा सहित दूसरी सभी प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर अब कोई भी फैसला केंद्र और सभी राज्यों की राय से होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में रविवार को इसे लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक रखी गई है। इसमें सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों के साथ परीक्षा को लेकर विचार किया जाएगा। साथ ही आगे की रणनीति को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार की ओर से यह बैठक वर्चुअल ही रखी गई है।
इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी शामिल रहेंगे। इस उच्च स्तरीय बैठक से पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने सभी राज्यों को पत्र भी लिखा है। इसमें कहा है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए परीक्षाओं का पूरा कार्यक्रम ही अस्त-व्यस्त है। सीबीएसई, आइसीएसई सहित राज्यों के बोर्डों ने फिलहाल 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित कर रखा है। ऐसे में इस पर नए सिरे से विचार की जरूरत है।
उच्च शिक्षण संस्थान भी परीक्षा की तिथियों को लेकर चर्चा में जुटे हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित रखी गई हैं, जो स्थिति सामान्य होने पर कराई जाएंगी। निशंक ने राज्यों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि चूंकि 12वीं की परीक्षाओं का प्रभाव पूरे देश में सभी परीक्षाओं पर पड़ता है। ऐसे में छात्रों की अनिश्चितता को कम करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के सुझाव जाने जाएंगे। इसके बाद परीक्षाओं को लेकर फैसला लिया जाएगा। हालांकि सरकार ने अभी तक जो संकेत दिए हैं, उससे साफ है कि 12वीं की परीक्षा रद्द नहीं होगी।
वैसे भी इन परीक्षाओं के लिए अभी उनके पास काफी वक्त है। पिछले साल कोरोना के चलते ही ये परीक्षाएं जुलाई में कराई गई थीं। ऐसे में मई में ही इस पर कोई फैसला लेना ठीक नहीं होगा, बल्कि जुलाई की स्थिति के आधार पर फैसला लिया जाएगा। माना जा रहा है कि यदि 12वीं की बोर्ड परीक्षा जुलाई-अगस्त में भी होती है, तो भी कोई ज्यादा देरी नहीं होगी, क्योंकि पहले नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत जुलाई से ही होती थी।