विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर सोमवार को बेड़े की समीक्षा करने के दौरान भारत ने समुद्री रक्षा क्षमता का पूर्ण प्रदर्शन किया। स्वदेश निर्मित नौसैन्य गश्ती जहाज आईएनएस सुमित्रा पर सवार होकर कोविंद ने बंगाल की खाड़ी में 44 जहाजों का निरीक्षण किया और उनमें से प्रत्येक से पारंपरिक सलामी ली।
आईएनएस सुमित्रा राष्ट्रपति का जहाज यानी ‘प्रेजीडेंशियल यॉट’ है। राष्ट्रपति द्वारा बेड़े की समीक्षा, 2022 की थीम ‘भारतीय नौसेना – राष्ट्र की सेवा में 75 वर्ष’ थी। राष्ट्रपति, प्रथम महिला सविता कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट,

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन, थलसेना प्रमुख एम एम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, नौसेना की पूर्वी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता और अन्य अधिकारियों के साथ प्रेजीडेंशियल यॉट पर आए।
राष्ट्रपति ने सचल पनडुब्बी कॉलम का भी निरीक्षण किया, जिसमें आईएनएस वेला शामिल है जो भारत में निर्मित कलवारी वर्ग की पनडुब्बी है। इसे हाल में भारतीय नौसेा के बेड़े में शामिल किया गया है। समीक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रपति अड्डे पर लौटे, जहां 21 तोपों की सलामी दी गयी।
#WATCH | President Ram Nath Kovind embarks on the Presidential Yacht INS Sumitra and receives 21-gun-salute during the 12th edition of President’s Fleet Review at #EasternNavalCommand, Visakhapatnam
Defence Minister Rajnath Singh is also present at the event pic.twitter.com/SutgAHSohv
— ANI (@ANI) February 21, 2022
नौसेना ने कहा कि पिछले दशक में समुद्री पर्यावरण पर भारत की निर्भरता में काफी विस्तार हुआ है क्योंकि उसकी आर्थिक, सैन्य और प्रौद्योगिकीय ताकत बढ़ी है, वैश्विक संवाद व्यापक हुआ है और राष्ट्रीय सुरक्षा की अनिवार्यता तथा राजनीतिक हित धीरे-धीरे हिंद महासागर क्षेत्र से आगे बढ़ा है।

नौसेना ने कहा, ‘‘इसमें शक की गुंजाइश कम है कि 21वीं सदी भारत के लिए ‘समुद्रों की सदी’ होगी और समुद्र अपने वैश्विक पुनरुत्थान में प्रमुख सहायक बने रहेंगे।’’