बागेश्वरधाम । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु महाशिवरात्रि पर बागेश्वरधाम गढ़ा, छतरपुर पहुंची। जहां श्री बागेश्वर जन सेवा समिति द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारा देश महिलाओं के विकास से महिलाओं के नेतृत्व में विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में हम सभी को अपनी बेटियों और बहनों को सशक्त और सक्षम बनाने में योगदान देना चाहिए।
उन्होंने लोगों से महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास उन्हें सशक्त बनाएंगे। उन्होंने महिलाओं को अपनी शिक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह भी दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपरा में संतों ने सदियों से जनमानस को राह दिखाई है। उन्होंने समकालीन समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई है।
उन्होंने जाति, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव के खिलाफ भी आवाज उठाई है। चाहे गुरु नानक हों, संत रविदास हों, संत कबीर दास हों, मीरा बाई हों या संत तुकाराम हों, सभी ने अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
भारतीय समाज में उनके योगदान ने उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि समकालीन आध्यात्मिक गुरू आत्मनिर्भर, सामंजस्यपूर्ण और पर्यावरण के अनुकूल भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इस मौके पर बागेश्वर महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राष्ट्रपति का स्वागत सम्मान किया। उन्होंने कहाकि सामूहिक विवाह समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु के आने से और भी शोभा बढ़ गई।
शास्त्री ने कहाकि दो दिन पहले बागेश्वरधाम में कैंसर हास्पिटल का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया। वहीं अब सामूहिक विवाह सम्मेलन में राष्ट्रपति मुर्मु की उपस्थिति ने इस मौके पर अविस्मरणीय बना दिया है।
वहीं मप्र के मुख्यमंत्री डा.मोहन सिंह यादव ने भी सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन को लेकर धाम के प्रयासों की सराहना की। इस मोके पर 251 विभिन्न वर्ग की कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी मौजूद रहे।